उत्तराखण्ड
प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में आज सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। साथ ही जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। मुख्य सचिव श्री संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हम सभी को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा। मुख्य सचिव ने डीजीपी श्री अशोक कुमार को जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए। मुख्य सचिव ने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके, साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जिससे इन महिलाओं से समय-समय पर उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी कानून व्यवस्था श्री वी. मुरुगेशन एवं सचिव श्री चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।