उत्तराखण्ड
भक्तों के दुख दर्द को दूर करती है न्याय की देवी कोटगाड़ी मईया ।
यूस सिजवाली जर्नलिस्ट भवाली
भक्तों के दुख दर्द को दूर करती है न्याय की देवी कोटगाड़ी
। भवाली रामगढ़ हरसोला रूप सिंह धोरा में स्थित कोकिला देवी मंदिर नाम से एक प्रसिद्ध देवी का मंदिर है लोगों का मानना है कि वहां देवी प्रत्यक्ष रूप से विराजमान है और सभी के दुख दर्द और कष्टों को हर लेती है और शत्रुओं से भक्त और उसके परिवारों की रक्षा भी करती है इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक रोचक कहानी है मंदिर स्थानीय निवासी देवी के भक्त महेश भट्ट ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय हरीश भट्ट को एक रात सपना आया कि कोटगारी देवी पाखू पिथौरागढ़ वहां से इस स्थान में आना चाहती है उन्होंने इस स्वप्नकी जानकारी स्थानीय लोगों को दी तो सभी ने क्या निर्णय लिया कि सामूहिक रूप सेसे जाकर कोकिला माता की एक ज्योति को यहां लाया जाए यह 1964 में इस ज्योति को रूपसिंह धूरा में लाए और धूमधाम से एक मंदिर की स्थापना की तभी से इस मंदिर में भक्तों की बहुत बड़ी आस्था जुड़ी हुई है उनका मानना है कि देवी भक्तों पर कृपा करती है देवी से मांगा वचन पूरा हो जाता है इस मंदिर में लाल बाबा 30 से 35 वर्ष से उन्होंने यहां पर इस अंतराल में कई देवी भागवत करवाएं और 2005 के बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत सीताराम जी हां साधना कर रहे हैं महाराज जी ने मंदिर के बारे में बताया की देवी भगवती कोटगारी न्याय की देवी है और यह जागृत अवस्था में है यह भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी करती है मंदिर के भक्त महेश भट्ट ने बताया कि यहां जो मन्नत मांगी जाती हैं वह पूरा होती हैं और मंदिरों के भक्तों पर विशेष कृपा करती है आर्थिक संसाधनों की कमी कभी उनको परेशान से वह परेशान नहीं होते मंदिर के भक्तों ने बताया कि देवी यहां पर प्रत्यक्ष विराजमान है और भक्तों की परेशानियां और शत्रु से उनकी रक्षा करती है और दुष्टों को दंड भी देती है कोकिला देवी न्याय की देवी के रूप में विख्यात है इसका जो मुख्य मंदिर है वह पिथौरागढ़ जिले में पाखू के पास कोटगारी में स्थित है महाराज ने बताया कि यह देवी द्वापर में भी मैं भी प्रत्यक्ष रूप से विद्यमान थी मंदिर की एक भक्तों ने बताया है कि यहां देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं और विश्व के अनेक देशों से लोग देवी की दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना को देवी को कहते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैंदेवी के भक्त चंदन रावत का कहना है कि इस प्रसिद्ध देवी के मंदिर को पर्यटन मानचित्र से जोड़ देने से भक्तों का बड़ा लाभ होगा और इस स्थान की आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी