उत्तराखण्ड
लालकुआं की रामलीला में आकर्षण का केंद्र बने गंधर्व गिरी महाराज हारमोनियम वादक की भूमिका निभा रहे हैं गंधर्व गिरी महाराज लाल कुआं की रामलीला में हालांकि सभी कलाकार गजब की अभिनय क्षमता दिखा रहे हैं और आज रामलीला का अंतिम दिन है आज भी कलाकार अपनी बेहतरीन अदाकारी से सबका मन मोह लेने में सक्षम होंगे
लालकुआं की रामलीला में आकर्षण का केंद्र बने गंधर्व गिरी महाराज
हारमोनियम वादक की भूमिका निभा रहे हैं गंधर्व गिरी महाराज
लाल कुआं की रामलीला में हालांकि सभी कलाकार गजब की अभिनय क्षमता दिखा रहे हैं और आज रामलीला का अंतिम दिन है आज भी कलाकार अपनी बेहतरीन अदाकारी से सबका मन मोह लेने में सक्षम होंगे मगर इन सबके बीच आकर्षण का केंद्र बने हैं गंधर्व गिरी महाराज जो वर्तमान में यहां हारमोनियम पर संगत दे रहे हैं उनके हारमोनियम बजाने की कला हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है मंच पर संत के विराजमान होने से भी रामलीला का महत्व बेहद बढ़ जाता है गंधर्व गिरी महाराज वर्तमान में जनपद चंपावत के पाटी विकासखंड अंतर्गत कोटना गांव में शिवालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं गंधर्व गिरी महाराज ने जनपद अल्मोड़ा से स्नातक की शिक्षा उत्तीर्ण की है ग्रेजुएशन करने के बाद जहां उनके साथी रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़े वही गंधर्व गिरी महाराज ने सन्यास की राह पकड़ी और गिरीश गिरी से गंधर्व गिरी के नाम से पहचान बना चुके हैं गंधर्व मंडल मुंबई से संगीत विशारद की डिग्री हासिल कर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में भी अपना कौशल दिखाया और उनके संपर्क में आए हुए कई लोग हारमोनियम पर अपनी थिरकती हुई उंगलियों का जादू दिखाने में पारंगत हो चुके हैं गंधर्व गिरी महाराज कहते हैं कि उन्हें स्कूल के दौरान से ही सन्यास की ओर जाने का मन बन चुका था अब अध्यात्म के द्वारा लोगों को सन्मार्ग पर चलने की सीख दे रहे हैं रामलीला मंच पर विराजमान गंधर्व गिरी एक मझे हुए संगीतकार के अलावा समाज सुधारक के रूप में भी जाने जाते हैं