उत्तराखण्ड
सफलता की कहानी,राजेन्द्र सिंह बर्फाल द्वारा मत्सय पालन में रूचि दिखाई,
पिथौरागढ़ ,,जनपद के सीमान्त विकास खण्ड मुन्स्यारी के ग्राम नमजला में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अन्तर्गत सीमान्त क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़नों एवं उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करने हेतु विकास गोष्टी में राजेन्द्र सिंह बर्फाल द्वारा मत्सय पालन में रूचि दिखाई और मत्स्य विभाग द्वारा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध शीतलजल में पालन हेतु उत्तरी अमेरिकी प्रजाति रैंन्बो ट्राउट का पालन किये जाने हेतु उनको वित्तय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री म०संपदा योजना से चार ट्राउट रेसवे के निर्माण हेतु तकनीकी सहायता एवे अनुदान से लाभान्वित किया गया । और अपने अन्य कार्यों को जारी रखते हुए 8 से 10 माह के अन्तराल मे पहली मछली की खेती में उन्होने लगभग 1.5 लाख रू का लाभ अर्जित किया।
क्षेत्र में अन्य मछलियों की तुलना में ट्राउट मछली की बड़वार को देखते हुए श्री बर्फाल द्वारा और रेसवेज संख्या को बड़ाने की बात कही जिस पर मत्स्य विभाग द्वारा एक मत्स्य की सहकारी समिति गठित करने की सलाह दी और श्री बर्फाल जी द्वारा इच्छुक कृषकों को एकत्रित कर जौहार म० जीवी स्वायत्त सहकारिता का गठन किया गया, एवं विभाग द्वारा 18 और रेसवेज के निर्माण किये जाने 2022- 23 समिति के अध्यक्ष श्री बर्फाल जी एवं समिति के सदस्यों को चैक प्रदान किये गये। साथ ही एन डी सी योजना से समिति को 20.00 लाख का लोन दिलवाकर जलआपूर्ति हेतु गूल एवं रैन्बो टाउट होमस्टे का निर्माण किया गया।
समिति की रूचि को देखते हुए विभाग द्वारा मिनी टाउट हैचरी के लिए भी समिति को सहयोग किया गया है, जिसमें विगत वर्ष टाउट मत्स्य बीज उत्पादन में हाथ आजमाया था और थोडी सफलता भी पायी थी, समिति इस वर्ष अपने साथ - साथ समिति से जुडे हुए विकास खण्ड के अन्य टाउट मत्सय पालकों को मतस्य बीज उपलब्ध करा सके। वर्तमान में श्री बर्फाल जी के नेत्रत्व में समिति राज्य सरकार एवं आई०टी०बी०पी० के मध्य हुए एम0ओ0यू0 के अनुसार आई०टी०बी०पी० 7 वीं बटालियन मिर्थि को ताजा टाउट मछली उपलब्ध करा रही है जिसके क्रम में को 7 वीं बटालियन मिर्थि मुख्यालय 90केजी, आईटीबीपी मुनस्यारी 44केजी,आईटीबीपी बटालियन जाजरदेवल 108 केजी ताजी टाउट मछली पहुचायी गयी साथ ही बटालियन के अग्रिम पोस्टों हेतु भी हर सप्ताह ताजी टाउट मछली पहुचाया जाना है, इस प्रकार समिति द्वारा एक वर्ष में लगभग 3.6 से 4.0 टन सप्लाई के लक्ष्य के साथ लगभग 20 लाख आय अर्जित करने की उम्मीद है।