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उत्तराखण्ड

अधिवक्ता एवं मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए विशेष सूचना,

अजय सिंह देहरादून

माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिनांक 16 दिसंबर को यह फैसला देगा की क्या वकील एक मान्यता प्राप्त पत्रकार हो सकता है कि नहीं यह मामला न्यायमूर्ति अभय एवं न्यायमूर्ति मसीह के पीठ में सूचीबद्ध हुआ है यह उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में मान्यता प्राप्त मोहम्मद कामरान रिजवी से संबंधित है इस मामले में आम जनमानस तथा अधिवक्ताओं को अवगत कराना है की बार काउंसिल आफ इंडिया एवं एडवोकेट एक्ट 1964 के तहत वकील कोई भी लाभकारी पद पर लाभ नहीं ले सकता अपना सकता पर
उत्तर प्रदेश सरकार के 16 साल पुराने मान्यता नियमावली 2008 के अनुसार किसी पत्रकार को प्रत्येक माह 7500 हजार रुपया वेतन मिलना चाहिए तथा उसके वार्षिक आय कम से कम 20 हजार रुपया हो एवं इसके संबंध में एक नोटरी एफिडेविट हो कि वह अन्य pesha ya vyavsay पत्रकारिता के अलावे अन्य pesha नहीं करता तो यदि कोई वकील पत्रकारिता का करता है तो वह फिर 7500हजार रुपया का वेतन कैसे पा सकता है यह गलत नियम सूचना विभाग के कारण प्रदेश मुख्यालय में 1000 मान्यता प्राप्त पत्रकार है तथा पूरे 75 जनपद में लगभग 5500 मान्यता प्राप्त पत्रकार जिसमें से 20 से 30 परसेंट तक गलत तथ्य प्रस्तुत करके सूचना निदेशालय उत्तर प्रदेश से मान्यता लिए हुए हैं जिसमें विभाग के आला अधिकारियों निदेशक आदि को भी पता है मैं भी जानता हूंजहां तक सुप्रीम कोर्ट का सवाल है और बार काउंसिल आफ इंडियाका प्रथम बार सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट के प्रोफेशन का एवं पत्रकारिता के प्रोफेशन का मामला आया है बर काउंसिल आफ इंडिया एवं उत्तर प्रदेश बर काउंसिल के नियमों को देखा जाए तो कोई भी पत्रकार हो सकता है पर मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हो सकता
मान्यता प्राप्त प्रकार पत्रकारों को सभी सरकारों द्वारा सुविधा दी जाती है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनको उत्तर प्रदेश निगम के बसों में निशुल्क यात्रा सरकारी राज्य की कॉलोनी में आवास एवं आवासीय परिसर के लिए भूखंड आवंटित किए जाते हैं कुछ मान्यता प्राप्त पत्रकार प्रचार एजेंसी चलाते हैं जिसको सूचना विभाग उनको प्रचुर मात्रा में विज्ञापन देता है यह पत्रकारिता के आड़ में करते हैं इसमें कुछ अधिवक्ता भी हैं सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला होगा जो सभी सरकारों को के लिए दिशा निर्देश होगा तथा जो भी आदेश होगा उसको एक अधिवक्ता होने के कारण इसको मैं पालन करने के लिए भारतीय संविधान एवं बार काउंसिल के नियमों के तहत अग्रिम कार्रवाई करने की व्यवस्था करूंगा
इस कार्य इसका सूचना देने का मुख्य उद्देश्य लोगों को जानकारी देना जय हिंद जय भारत आपका डॉक्टर मुरलीधर सिंह शास्त्री अधिवक्ता / विधि अधिकारी माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ

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