उत्तराखण्ड
आजादी के अमृत महोत्सव पर मैथिलीशरण गुप्त के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर डॉ. अनिता जोशी की अध्यक्षता में हिन्दी विभाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन
आजादी के अमृत महोत्सव पर मैथिलीशरण गुप्त के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर डॉ. अनिता जोशी की अध्यक्षता में हिन्दी विभाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. अनिता जोशी ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त ने साहित्य में उपेक्षित महिला चरित्रों यथा यशोधरा,उर्मिला,विष्णुप्रिया के जीवन चरित्र को मौलिक उदभावना के साथ नारी विमर्श को एक नई दिशा दी। डॉ.चंदा खत्री ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त ने राष्ट्रकवि के रूप में तत्कालीन राष्ट्रीय आंदोलन में अपना योगदान दिया। डॉ. दीपा गोबाड़ी एवं डॉ. विमला सिंह ने कहा कि राष्ट्रकवि के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। डॉ.देवयानी भट्ट ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त ने साकेत में उर्मिला को साधारण स्त्री के रूप में चित्रित किया है। डॉ. आशा हार्बोला ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त समस्या पूर्ति में सिद्धहस्त थे। डॉ.अमिता प्रकाश ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त की भाषा की सरलता और सहजता ने सामान्य जन को भी हिन्दी काब्य की ओर आकर्षित किया। डॉ.जयश्री भंडारी ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में राष्ट्रीय चेतना के स्वर हैं। डॉ.जगदीश चन्द्र जोशी ने गोष्ठी का संचालन किया।