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उत्तराखण्ड

उजाला न्यायिक अकादमी में भारतीय न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्श प्रभावशाली बनाने के लिए सेमिनार का उद्घाटन,,

यू एस सिजावली

भवाली उजाला अकादमी में भारतीय न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए उत्तर क्षेत्रीय न्यायिक सेमिनार का उद्घाटन हुआ इस दो दिवसीय कांफ्रेंस का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह राज्यपाल ने किया शनिवार को सुबह महामहिम राज्यपाल ने दीप जलाकर कियाइस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति उपस्थित है इस अवसर पर बोलते हुए बोलते हुए मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि आज न्यायाधीशों के बीच आकर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं उन्होंने कहा कि हमारे देश की न्यायपालिका सर्वोपरि वह इतनी मजबूत है कि भारत जल्दी ही विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है उम्मीद है कि भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने पर अर्थात 2047 में विश्व गुरु का हासिल कर लेगे राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय में कहा कि हर भारतीय का डीएनए स्वत ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सपोर्ट करता है उसके उपयोग से मानव जीवन में सकारात्मक दिशा में ट्रांसफॉर्म किया जा सकता है उन्होंने हिंदी भाषा को न्यायिक व्यवस्था में अधिक प्रयोग किए जाने की बात कही न्यायिक सक्रियता के महत्व को उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि न्यायपालिका में पर्यावरण संरक्षण मानव अधिकारों के उल्लंघन तथा भ्रष्टाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान के लिए अक्सर सख्त कदम उठाए हैं इससे न्यायिक सक्रियता की जांच और संतुलन की व्यवस्था मजबूत हुई है उच्च न्यायालय और जिला नागरिकों के निर्णय आदेशों को प्रमाणित कॉपी प्राप्त करने के लिए किसी वादी को अदालत पर परिसर में व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता नहीं इससे संबंधित पक्षों का समय और प्रयास बचता है इसके अलावा सभी अदालत हैं डिजिटल और कागज सहित होने की प्रक्रिया में है और शीघ्र ही सभी अदालत से पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी जिससे न्यायपालिका के लिए एक एकीकृत प्रौद्योगिकी मंच तैयार हो रहा है बादियो के लिए आदेश और मामले की स्थिति आसानी से प्राप्त की जा सकती है सेमिनार में न्यायिक प्रक्रिया के आधुनिकतम तकनीकी की मदद से और भी पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए न्यायिक विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार रखें उद्घाटन सत्र में मुख्य न्यायाधीश विपिन साधी अटॉर्नी जनरल आर के वेंकटरमन न्यायमूर्ति एस रविंद्रन भट्ट नई मूर्ति सूर्यकांत न्याय मूर्ति संजीव खन्ना विशेष अतिथियों ने देश भर के से आए न्यायाधीशों के लिए अपने विचार रखें सुधांशु धूलिया ने कहा कि तकनीकी का उपयोग न्याय को सरल बनाने में होना चाहिए सबसी महानुभावों ने राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के तत्वाधान में राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा इस तरह के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा इसके लाभप्रद और प्रभावशाली परिणाम आने की बात कही वक्ताओं ने कहा कि ऐसे संविधानों से न्यायिक प्रक्रिया की चाल और मार्ग तय होगा कार्यक्रम में शनिवार को तीन और रविवार को दो पालियां में लेक्चर रखे गए हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधाशू धूलिया उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना न्याय मूर्ति एस रवींद्र भट्ट न्यायमूर्ति संजय कारोल न्यायमूर्ति सूर्यकांत न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने अपने विचार रखें रविवार को न्यायमूर्ति राजेश बिदल न्यायमूर्ति राजा विजय राघवन न्यायमूर्ति ए एम मुस्ताक न्यायमृति सूरज गोविंद राज लेक्चर लेक्चर देंगे उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज तिवारी न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा न्यायमूर्ति आलोक वर्मा न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल न्याय मूर्ति पंकज पुरोहित और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा के अतिरिक्त महाधिवक्ता बाबुलकर वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिंह जिलाधिकारी वंदना एसपी पी एन एन मीणा मौजूद थे इस सेमिनार में हरियाणा पंजाब दिल्ली अप हिमाचल असम सहित अनेक राज्यों के न्यायाधीश उपस्थित थे


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