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उत्तराखण्ड

मासिक धर्म को लेकर बनी झिझक को तोड़ने के लिए समाज में नारा दिया-शर्म नहीं सम्मान है

RS. Gill. Journalist

रूद्रपुर – विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर शनिवार को संजीवनी संस्था तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरदार भगत सिंह महाविद्यालय में महिलाओं तथा किशोरियों को जागरूक किया गया। मोनिका पन्त ने कहा कि मासिक धर्म से ही श्रृष्टि का जन्म हुआ है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म को लेकर बनी झिझक को तोड़ने के लिए समाज में नारा दिया-शर्म नहीं सम्मान है यह, औरत की पहचान है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म यानि माहवारी महिलाओं की जीवनचर्या का अभिन्न अंग है और इस बारे में खुल कर बात करना जरूरी है ताकि यह विषय दुनिया के लिए अस्पृश्य न रह कर सामान्य ज्ञान की श्रेणी में आ सके। उन्होंने माहवारी स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी नेपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे खरीदने में झिझक नहीं होनी चाहिए। इसके प्रति पुरुषों को भी संवेदनशील होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीरियड्स कोई छुआछूत नहीं हैं और न ही ये परिवार से अलग रहने के लिए होते हैं।
उन्हेंने बताया कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। ताकि बालिकाओं को झिझक छोड़ने और इस बारे में खुलकर बात रखने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना और महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। उन्होंने कहा मासिक धर्म के बारे में बताने वाली सबसे अच्छी जगह स्कूल, काॅलेज हैं। उन्होंने कहा कि घरों में बच्चियों की मां भी इस बारे में अपनी सोच बदलें व इस बारे में अपनी बेटियों को ठीक से बताएं, ताकि उनकी बेटी को किसी के सामने शर्मिंदा न होना पड़े।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.सुनीता रतूड़ी चुफाल तथा डाॅ.सीमा अरोरा ने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। लड़कियों को एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए माहवारी को एक प्राकृतिक प्रक्रिया मानना चाहिए, इन बातों का रखें ख्याल घर में रखे पुराने गंदे कपड़े का प्रयोग नहीं करें। इससे संक्रमण का खतरा रहता है, छह घंटे के अंतराल पर सैनिटरी नैपकिन बदलना चाहिए। पीरियड्स के समय कई बार शरीर में दर्द होता है, इसलिए गर्म पानी से नहाएं, अपने बिस्तर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यात्रा पर हैं और शौचालय जाना हो तो सफाई वाली जगह पर जाएं, खान-पान का ख्याल रखें और सुपाच्य आहार का सेवन करें।
इस अवसर पर संजीवनी संस्था द्वारा महाविद्यालय में स्थापित सेनेटरी नैपकिंग एवं डिस्पोज मशीन का फीता काटकर शुभारंभ किया। जिस कारण अब विद्यालय में ही छात्राओं को 05 रूपये प्रति पेड मशीन द्वारा आसानी से प्राप्त हो सकेंगे। इस अवसर पर विद्यालय में कैंटीन का भी फीता काटकर शुभारंभ किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा छात्राओं का निःशुक्ल परीक्षण किया गया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.कमल किशोर पाण्डे प्रो. अर्पणा, तहसीलदार नीतू डागर सहित शर्मिला सक्सेना, श्रुति अग्रवाल, साध्वी राबिया भारती, सुमन भारती के अलावा विद्यालय की छात्राऐं आदि उपस्थित थी।

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