उत्तराखण्ड
राज्यपाल ने राजभवन में की जनजाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से बैठक,
योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शिता पर जोर
देहरादून।
उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में जनजाति कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ विस्तारपूर्वक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जनजातीय समाज तक योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है और इसका प्रभाव धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में देश में एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जाना चाहिए ताकि यहां की अन्य जनजातीय आबादियां भी इससे प्रेरणा लें और समग्र विकास सुनिश्चित हो। उन्होंने केंद्र सरकार के तहत चल रहे “आदि कर्मयोगी अभियान” के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। इस अभियान के माध्यम से जनजातीय समाज के आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, आजीविका एवं सांस्कृतिक संरक्षण से जुड़े पहलुओं को सांकेतिक एवं सशक्त रूप से आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।
राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि योजनाओं का लाभ सीधे उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। साथ ही, उन्होंने इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग से निगरानी और डेटा संकलन को भी बढ़ावा देने पर बल दिया।
बैठक में सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव रीना जोशी, निदेशक जनजातीय कल्याण संजय टोलिया और अपर निदेशक योगेन्द्र यादव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि यह बैठक राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रयासों के समन्वय और जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए नई योजनाओं एवं रणनीतियों को प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।















