उत्तराखण्ड
विश्व एड्स दिवस पर सामाजिक ट्रस्ट द्वारा लोगों को किया गया जागरूक डॉ हृदयेश कुमार
फरीदाबाद हरियाणा सैक्टर 3 जाट भवन में आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूक किया और बताया गया
हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य एचआईवी/एड्स (AIDS) के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा जगह जगह पर जन सभा में सभी प्रकार से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए आप सभी को जानकारी देते हैं और इस गंभीर बीमारी से संबंधित सभी मिथकों को खत्म करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है (World AIDS Day Significance)। इसलिए इस दिन एड्स और एचआईवी (HIV) से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए कई कार्यक्रम (World AIDS Day 2024 Celebrations) आयोजित किए जाते हैं। विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) हमें एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने, एचआईवी संक्रमित लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाने और इस बीमारी से लड़ने के लिए एक साथ आने का मौका देता है। इस दिन अलग-अलग कार्यक्रमों, सेमिनारों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1988 में हुई थी (World AIDS Day History)। आइए जानते हैं एचआईवी और एड्स से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में। इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करता है। इस दिन को वैश्विक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी जागरूक करना है बल्कि उन लोगों को भी याद भी करता है जिनकी मौत एचआईवी/एड्स के कारण हुई है। यह स्वास्थ्य सेवाओं तक विस्तारित पहुंच जैसे मील के पत्थर का भी उत्सव मनाता है। एचआईवी जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के बारे में जजानकारी को बढ़ावा देकर उसका उपचारों के लिए अभिन्न सेवाओं पर कार्य करता है।
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने बताया कि विश्व एड्स दिवस 2024 का विषय, “सही रास्ता अपनाएं मेरा स्वास्थ्य, मेरा परिवार है, जो स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और लोगों को अपने स्वास्थ्य प्रबंधन में सशक्त बनने के महत्व पर बल देता है। है। एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) द्वारा जारी वैश्विक एड्स अपडेट 2023 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स से लड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की गई है। भारत जैसे देशों में नए एचआईवी संक्रमण मामलों में कमी आई है, जहां एक मजबूत कानूनी संरचना और बढ़े हुई वित्तीय निवेशों ने 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति करने की दिशा में प्रगति की है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर, भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। इसके बावजूद, देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें वयस्क एचआईवी प्रसार 0.2% दर्ज किया गया है और अनुमान है कि वार्षिक रूप से नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या 66,400 है, जिसमें 2010 के बाद से 44% की कमी आयी है। भारत ने 39% की वैश्विक कमी दर को पीछे छोड़ दिया है, जो निरंतर किए गए मध्यवर्तनों की सफलता को दर्शाता है। । 95% उच्च जोखिम वाले व्यक्ति तक व्यापक रोकथाम सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है
यह सुनिश्चित करके ऊर्ध्वाधर ट्रांसमिशन का समाप्त करना कि एचआईवी ग्रसित 95% गर्भवती महिलाओं ने वायरल लोड का दमन किया है।
विश्व एड्स दिवस 2024 एचआईवी/एड्स की समाप्ति की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की याद दिलाता है। एनएसीपी का पांचवां चरण और इसके अधिकार-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत ने रोकथाम, उपचार एवं देखभाल में महत्वपूर्ण प्रगति प्राप्त की है। इसका विषय “सही रास्ता अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा परिवार !” l ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने कहा कि एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus) एक ऐसा वायरस है, जो शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देता है। एड्स (Acquired Immune Deficiency Syndrome) एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। जब एचआईवी शरीर में प्रवेश करता है, तो यह टी-सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देता है। टी-सेल्स शरीर के इम्युन सिस्टम का एक जरूरी हिस्सा हैं। जब टी-सेल्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो शरीर किसी मामूली इन्फेक्शन से भी लड़ने में असमर्थ हो जाता है। जिसके कारण व्यक्ति की उस बीमारी की वजह से मौत हो जाती है।
एचआईवी इन्फेक्शन के शुरुआती स्टेज में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। कुछ लोगों में हल्के फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि बुखार, गले में खराश, थकान, निमोनिया, हर्पीज, मुंह में यीस्ट इन्फेक्शन और सूजे हुए ग्लैंड्स। हालांकि, ये लक्षण कुछ हफ्तों के बाद गायब हो जाते हैं।
जब एचआईवी इन्फेक्शन एड्स के स्टेज में पहुंच जाता है, तो ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
लगातार बुखार, अकारण वजन कम होना, लगातार, थकान, लगातार खांसी, दस्त , रात में पसीना आना, त्वचा पर चकत्ते , मुंह में छाले, देखने में तकलीफ होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना आदि l
एड्स का अभी तो कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के जरिए से इसे मैनेज करने की कोशिश की जाती है। इसके जरिए मरीज के जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जाती है।