Connect with us

उत्तराखण्ड

स्वच्छ वातारण और स्वच्छ जल ही स्वस्थ जीवन है : डॉ हृदयेश कुमार,

फरीदाबाद हरियाणा सैक्टर 11 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय कार्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एमपी सिंह ने
स्वच्छ वातारण और स्वच्छ जल से स्वस्थ जीवनपर प्रकाश डालते हुए स्वच्छ वातारण के लिए अपनी चिंता जताई और इस विषय को गंभीरता से लेते हुए अपनी टीम के साथ विशेष रूप से विचार किया और कहा कि अभी भी समय है हम सभी लोगों को सिर्फ थोड़ा सा समय निकाल कर पेड़ पौधों पर ध्यान केंद्रित करना होगा जिसमें हम सभी को पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ पौधों को लगाना जरूरी है अगर हम सभी अभी तक नहीं समझ सकते हैं तो आने वाला समय बहुत ही भयानक होगा स्वच्छ वातारण नहीं होने से आज कल बहुत सी बीमारी हो रहीं हैं जिसमें आप को ऑक्सीजन के लिए ही हॉस्पिटल में बहुत अधिक भुगतान करना पड़ता है आज के समय में सिर्फ स्वच्छ वातारण और
स्वच्छ जल का सेवन करें तो आप को बहुत सी बीमारियों से निजात मिल सकती है इस लिऐ हम सभी लोगों से एक संकल्प की अपील करते हैं कि आप अपने किसी खास दिन जैसे जन्मदिन, शादी की सालगिरह या फिर कोई और पार्टी करते समय पर केवल एक पेड़ लगाना है
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने बताया हमारे वातारण भी स्वच्छ होगा और जल भी इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए स्वच्छ जल का होना अत्यंत आवश्यक है। जिससे हानिकारक तत्वों, धूल, मिट्टी, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य प्रदूषकों को हटाकर स्वच्छ जल प्रदान करता है।
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट हमेशा स्वास्थ्य और समाज हित में अनेको तरह से आपकी सेवा में समर्पित रहेगा स्वच्छता से शरीर कीटाणुओं, बैक्टीरिया, और वायरस से लड़ पाता है. इससे संक्रमण का खतरा कम होता है और रोगों से बचाव में मदद मिलती है मानसिक स्वास्थ्य स्वच्छता से चिंता और तनाव कम होता है सामाजिक स्वास्थ्य स्वच्छता से व्यक्ति के रिश्तों में सभ्यता, सहानुभूति, ईमानदारी, और सभ्य व्यवहार बढ़ता है आत्मविश्वास स्वच्छ रहने से व्यक्ति को आत्मविश्वास मिलता है समय और धन की बचत
स्वच्छ रहने से कम बीमारियां होती हैं और बीमारियों के इलाज में होने वाला समय और खर्च भी बचता है.
स्वच्छ वातावरण के कुछ और फ़ायदे स्वच्छ वातावरण से पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सकता है.
स्वच्छ वातावरण से पानी अधिक स्वच्छ हो जाता है और पीने में अधिक आनंददायक हो जाता है स्वच्छ वातावरण से माहौल शांत रहता है स्वच्छ वातावरण से छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है स्वच्छ वातावरण से सुरक्षा सुनिश्चित होती है खुद को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वच्छ और शुद्ध रखने के लिए हम जो कुछ करते हैं, वो सब व्यक्तिगत स्वच्छता के तहत आता है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। व्यक्तिगत स्वच्छता में यह चीजें आवश्यक रूप से शामिल हैं शारीरिक स्वच्छता: नियमित स्नान, शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना, स्वच्छ कपड़े पहनना, हाथ-मुंह धोना, समय पर नाखून-बाल काटना और दांतों की सफाई शामिल है। अच्छे और शुद्ध विचार मानसिक स्वच्छता के तहत आते हैं। सामाजिक स्वच्छता में व्यक्ति के संबंधों में सभ्यता, सहानुभूति, ईमानदारी और सभ्य व्यवहार को बढ़ावा दिया जाता है।

Ad Ad Ad Ad Ad
[masterslider id="1"]
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page