उत्तराखण्ड
दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन,
हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की पहल..दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत प्रशिक्षण ले रहे दिव्यांगजनों को किया विवि के पाठ्यक्रमों के प्रति जागरूक कार्यक्रम के आयोजन किया गया,
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन आज नैनीताल ज़िले की टीम द्वारा हल्द्वानी स्थित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत संचालित नर्चरिंग इनोवेशन एक्शन ऑन करियर एंड एजुकेशन प्रशिक्षण संस्थान में किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 100 दिव्यांग प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जो उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से तीन माह के स्किल डेवलपमेंट कोर्स के लिए यहां आए हुए हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की टीम ने उपस्थित विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक एवं परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों के साथ-साथ उद्यमिता, कंप्यूटर एप्लिकेशन, गृह विज्ञान तथा विज्ञान विषयों में उपलब्ध शैक्षणिक अवसरों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमार ने बीएससी, एमएससी, कंप्यूटर, एवं उद्यमिता आधारित कोर्सेस पर प्रकाश डाला। वहीं डॉ. दीप प्रकाश ने विज्ञान संकाय से संबंधित सभी पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
सहायक क्षेत्रीय निदेशक रेखा बिष्ट ने विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्तियों एवं विशेष सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए जो लिख नहीं सकते, उनके लिए उपलब्ध वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई।
गृह विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोनिका द्विवेदी ने गृह विज्ञान संकाय की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए बताया कि दिव्यांग छात्राएँ कैसे इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कम्युनिटी रेडियो से जुड़ीं सुनीता भास्कर एवं चंद्रा जोशी ने भी दिव्यांग विद्यार्थियों के अनुभव साझा किए और उनकी जिंदगी के तमाम पहलुओं पर बात कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण संस्थान के छात्रों ने खुलकर प्रश्न पूछे एवं शंकाएं व्यक्त कीं, जिनका उत्तर विश्वविद्यालय की टीम द्वारा विस्तार से दिया गया। संस्थान के संस्थापक सचिव के.डी. जोशी ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की टीम का आभार प्रकट करते हुए कहा,दिव्यांग विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन देना अत्यंत आवश्यक है। इनमें से कई विद्यार्थी 12वीं पास या ग्रेजुएट हैं और बेहतर शैक्षणिक अवसरों की तलाश में हैं। विश्वविद्यालय की यह पहल इनके भविष्य को नई दिशा दे सकती है। इस अवसर पर संस्थान के क्वालिटी हेड हेमंत सिंह, सेंटर मैनेजर गरिमा जोशी, तथा प्रोजेक्ट हेड कन्हैया जोशी भी उपस्थित रहे। क्षेत्रीय निदेशक रेखा बिष्ट ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हम शीघ्र ही एक बार फिर इस संस्थान में आकर प्रत्येक विद्यार्थी से व्यक्तिगत रूप से बात कर उन्हें विश्वविद्यालय से जोड़ने का कार्य करेंगे। यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के विकल्पों की जानकारी का माध्यम बना, बल्कि उनके आत्मबल और संभावनाओं को भी इसने मज़बूती दी। कार्यक्रम का संचालन मोनिका दिवेदी ने किया।





