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उत्तराखण्ड

भीमताल-नौकुचियाताल में बेरोजगारों के लिए पक्की दुकानों की मांग, पर्यटन नगरी में रोजगार को बढ़ावा देने की अपील,

भीमताल उत्तराखंड की मिनी लेक सिटी के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल भीमताल-नौकुचियाताल, जहाँ साल भर पर्यटकों की आवाजाही का केंद्र रहता है, यहाँ स्थानीय बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की मांग जोर पकड़ रही है। भीमताल नगर क्षेत्र, जो सातताल से नौकुचियाताल तक फैला हुआ है, पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था का गढ़ है। यहां की अधिकांश जनता की आजीविका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन से जुड़ी है। इसके बावजूद, पढ़े-लिखे मध्यम और गरीब वर्ग के युवक-युवतियों के पास रोजगार के संसाधनों की कमी के कारण उन्हें पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।इसी गंभीर समस्या को देखते हुए, भीमताल के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने सरकार और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने विभिन्न विभागों, जिलाधिकारी, कुमाऊँ आयुक्त, विधायक, सांसद और राज्य के अन्य माननीयों को पत्र और ज्ञापन सौंपकर बेरोजगारों की स्थिति से अवगत कराया है। बृजवासी ने सरकार की चल रही रोजगार और स्वरोजगार नीति के तहत भीमताल नगर में पक्की दुकानों के निर्माण की मांग की है, ताकि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और पर्यटन नगरी का व्यवसायिक बाजार भी मजबूत हो।उनका सुझाव है कि भीमताल नगर पंचायत, झील विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग, कुमाऊँ मंडल विकास निगम, राजस्व विभाग, जिला पंचायत, सिंचाई विभाग, मत्स्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर उपयुक्त सरकारी नजूल भूमि का चयन करें और चयनित पर्यटन स्थलों पर पक्की दुकानों का निर्माण करवाएं। इन दुकानों को बेरोजगार युवक-युवतियों को आवंटित किया जाए, जिससे वे स्वरोजगार के माध्यम से अपनी आजीविका चला सकें।बृजवासी ने जोर देकर कहा कि इस पहल से न केवल स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, बल्कि भीमताल-नौकुचियाताल की पर्यटन नगरी का आर्थिक और व्यवसायिक विकास भी होगा। उन्होंने शासन-प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, ताकि बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे युवाओं को राहत मिले और क्षेत्र का पर्यटन बाजार और समृद्ध हो।स्थानीय लोगों की राय: स्थानीय निवासियों का कहना है कि भीमताल जैसे पर्यटन स्थल में रोजगार के अवसरों की कमी चिंताजनक है। पक्की दुकानों का निर्माण और आवंटन न केवल बेरोजगारी कम करेगा, बल्कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में भी मददगार होगा।प्रशासन से अपेक्षा: सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। यह कदम न केवल भीमताल-नौकुचियाताल के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन विकास को भी नई दिशा देगा,

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