उत्तराखण्ड
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार SC जाति में उप वर्गीकरण करवाए,,
कुलदीप सिंह ललकार देहरादून
देहरादून,,अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युव जन समाज रजिस्टर्ड शाखा उत्तराखंड प्रदेश के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 01 अगस्त को दिए गए निर्णय का आभार व्यक्त करने को मसूरी में गांधी मूर्ति से अंबेडकर मूर्ति तक युव जन समाज संगठन के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखण्ड प्रदेश प्रभारी श्री सुमित चंदेल जी के एवं प्रदेश संग्रक्षक पूर्व राज्य मंत्री माननीय सुशील राठी जी एवं संगठन के उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष विकास चौहान जी के नेतृत्व में पदयात्रा की गई साथ ही श्रीमान उप जिला अधिकारी महोदय मसूरी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को दिल्ली में ज्ञापन सौंपा गया जिसमे सुप्रीम कोर्ट द्वारा 01 अगस्त 2024 को अनुसूचित जातियों के पक्ष में दिए गए उप वर्गीकरण के निर्णय का आभार व्यक्त एवम् फैसले के अनुसार आरक्षण से वंचित जातियों का वर्गीकरण करके उत्तराखण्ड प्रदेश में लाभ दिलवाने लागू करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया जिसमे माननीय सर्वोच्च न्यायालय की 7 न्यायधीशों की पीठ द्वारा अनुसूचित जातियों के उप वर्गीकरण का फैसला दिया है, जिसका हमारा संगठन अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युव जन समाज रजिस्टर्ड शाखा उत्तराखंड प्रदेश कोटि कोटि आभार व्यक्त करता है कि संविधान पीठ ने पायदान पर सबसे पीछे खड़े समाज के हितों को भी सुरक्षित करने का निर्णय दिया है साथ ही इसके क्रम में जिसे निम्नलिखित बिन्दुओं आपसे मांग करता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को अविलंब उत्तराखण्ड प्रदेश में लागू कराए जाने में आवश्यक निर्देश जारी करने की कृपा करें
उत्तराखण्ड प्रदेश में राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक एवं प्रशासनिक हर दृष्टि से कमजोर वाल्मीकि/मेहतर,शिल्पकार, डूम ,कन्नौजिया , सोनकर,सांसी, कंजर, नट, ढोली, बाजीगर सपेरा, मदारी, कालबेलिया, भांड, धानक, कामड़ व अन्य वंचित समाज (जिसे राज्य सरकार सर्वे के बाद इसके लिए उपयुक्त समझे) आदि वे अति पिछड़ी हुई जातियां है, जिनके साथ अधिकतर छुआछुत, जातीय उत्पीड़न , मारपीट, हत्या, बलात्कार आदि की घटनाए होती रहती है | इनका सर्वे करवाकर इनको सम्मिलित रूप से SC के कुल आरक्षण में से 50% आरक्षण दे और शेष बचे 50% आरक्षण में, ( उप वर्गीकरण के बाद शेष रही SC की उपजातियों एवं उप वर्गीकरण में चयनित वंचित उप जातियों ), दोनों को, इस शेष बचे 50% आरक्षण में (सम्पूर्ण SC जातियों) के लिए समान अवसर रखे | साथ ही, उप वर्गीकृत उप जातियों के लिए आरक्षित किसी पद पर यदि उम्मीदवार ना हो तो नियमानुसार निर्धारित अवधि तक केरी फॉरवर्ड करने के बाद, SC में से उप वर्गीकरण में शेष रही SC केटेगरी से ही उन पदों को भरा जाए |
यह कि SC की कुछ जातियों का आरक्षण में तो उप वर्गीकरण करे, किन्तु शेष जातियों को क्रीमीलेयर बताकर उन्हें इस वर्ग से बाहर नहीं करे बल्कि उन्हें उसी वर्ग में रखते हुवे, उप वर्गीकृत जातियों की खाली सीटो का एक निर्धारित समय सीमा के बाद लाभ, इन्हें ही मिलना चाहिए और किसी भी स्थिति में वे सीटे सामान्य वर्ग को हस्तांतरित नहीं होनी चाहिए |
सर्वे के लिए उत्तराखण्ड सरकार से निवेदन है कि एक राज्य स्तरीय कमिटी का गठन करवाये, जिसमे सफाई कर्मचारी आयोग राजस्थान के समस्त वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य (भले किसी की भी सरकार में रहे हो) और अनुसूचित जाति आयोग राजस्थान के वर्तमान व पूर्व केवल उपाध्यक्ष (जोकि स्वच्छकार वर्ग से, भले किसी की भी सरकार में रहे हो) एवं घुमंतू बोर्ड के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष व उपाध्यक्ष (भले किसी की भी सरकार में रहे हो) तथा अन्य (वंचित वर्गो से सम्बन्धित संगठन, ट्रेड यूनियन के एक एक प्रतिनिधि) जिसे सरकार योग्य समझे की सम्मिलित कमिटी बनाकर एक माह के भीतर उनसे करवाकर, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार SC जाति में उप वर्गीकरण करवाए, यहां यह स्पष्ट करना अनिवार्य है कि, उक्त कमिटी में SC आयोग के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष को नहीं लिया जाये, क्योंकि SC आयोग के अध्यक्ष पद पर सदैव SC के सक्षम जाति के ही व्यक्ति रहे है ज्ञातव्य हो कि SC जाति वर्ग में कई उप जातियां है, जिनका जीवन यापन, पद्वति अलग अलग है और ना ही उनमें आपसी वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित नहीं होते है, अर्थात उनके बीच रोटी बेटी का व्यवहार नहीं है, इसलिए उन्हें समरूप नहीं कहा जा सकता | सी.जे.आई. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी अनुसूचित जातियों को एक समरूप वर्ग नहीं माना है |
संविधान के अनुच्छेद 16(4) व अनुच्छेद 46 राज्य सरकार को इन जातियों के पिछड़े़पन का उन्मूलन करने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान करता है | जिसे उपयोग कर सरकार को यह पुनीत कार्य करना चाहिए |
अनुच्छेद 341 व 342 अनुसूचित जाति व जनजाति को क्रमशः केवल परिभाषित करता है |
अनुच्छेद 341(1) में वर्णित किया गया है कि राष्ट्रपति, राज्य या संघ शासित किसी राज्य के राज्यपाल से विचार विमर्श करके लोक अधिसूचना जारी कर अनुसूचित जातियों की सूचि जारी कर सकते है |
इस ज्ञापन के माध्यम से युव जन समाज के द्वारा मांग की गई है कि उपरोक्त कमिटी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट को राज के महामहिम राज्यपाल को सौंप कर उन्हें यथास्थिति से अवगत करवाते हुवे महामहिम राष्ट्रपति महोदया से विचार विमर्श करने का आग्रह कर उपवर्गीकरण हेतू लोक अधिसूचना जारी करवाने का श्रम करावे |
पदयात्रा में मुख्य रूप से मसूरी शहर अध्यक्ष भरत लाल,शहर महामंत्री राम पाल भारती,प्रदेश महासचिव माधुरी टम्टा,सुरेश पटेल,सुरेश यादव एडवोकेट,पूजा ढींगरा,पूजा बहनवाल,आशा थापा,सायरा बानो,सरोज गांधी , डाo सैमुअल दास, कमलकुमार,संजय पाल,प्रताप सिंह,अजय कुमार राजू, विकास चौहान पूर्व पार्षद प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड प्रदेश अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युव जन समाज रजिस्टर्ड शाखा उत्तराखंड प्रदेश देहरादून