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उत्तराखण्ड

राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा रोज़गार मेला आयोजन किया गया,

फरीदाबाद सैक्टर 3 श्री राम मंदिर परिसर में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा रोज़गार मेला आयोजन किया गया जिसमें 39 युवकों को कंपनी में जॉब मिली है ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने कहा कि अभी हमको 285 युवक और युवतियों की कंपनी में कार्य करने के लिए तुरंत आवश्यकता है जो भी जॉब करना चाहते हैं वो हमारे व्हाट्सप्प नं 8920446101 पर सम्पर्क कर सकते हैं और हमें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हम अपने ट्रस्ट द्वारा आपके लिए हर तरह से समाज हित में स्वास्थ्य जैसे अन्य प्रकार से आप सभी के साथ कनेक्ट रहेंगे ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एमपी सिंह ने कहा कि 18 नवंबर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस और यूरोपियन एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे है। इन दिवसों का आयोजन जागरूकता फैलाने, ज्ञान साझा करने और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस और यूरोपियन एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे की जानकारी भी उन परीक्षाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

भारत में हर साल 18 नवंबर के दिन राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। 18 नवंबर के दिन ही महात्मा गांधी के द्वारा नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की आजीवन सदस्यता ली थी। उन्होंने डीड पर अपने हस्ताक्षर किए थे। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। यह दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान प्राकृतिक और सरल उपायों के माध्यम से कैसे कर सकते हैं। यह दिन न केवल प्राकृतिक चिकित्सा के लाभों को समझने का अवसर है, बल्कि यह हमें हमारे जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरित करता है। इस दिन का उद्देश्य समाज में प्राकृतिक चिकित्सा की पद्धतियों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस हर साल 18 नवंबर के दिन मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की घोषणा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने 18 नवंबर 2018 को की थी। आयुष मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के सिद्धांतों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना था। इस दिन 18 नवंबर 1945 को महात्मा गांधी ने ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष के रूप में अपने पद की शुरुआत की थी। इसलिए इस तिथि को चुना गया।महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग से सभी वर्गों के लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए इसे बढ़ावा देना चाहते थे।
यूरोपीय एंटीबायोटिक जागरूकता दिवस (EAAD) प्रत्येक वर्ष 18 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य एंटीबायोटिक के विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और एंटीबायोटिक प्रतिरोध का मुकाबला करना है, जो यूरोप और विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। यूरोपियन एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे का एक मुख्य विषय एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बढ़ते मुद्दे को संबोधित करना है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया उन दवाओं के प्रभावों का प्रतिरोध करने के लिए विकसित होते हैं जो एक बार उनका प्रभावी ढंग से इलाज कर चुकी होती हैं। इस घटना के कारण अस्पताल में लंबे समय तक रहना पड़ सकता है, चिकित्सा लागत बढ़ सकती है और मृत्यु दर बढ़ सकती है।

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