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उत्तराखण्ड

जब अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा तो कैसे भूले सातताल राम लक्ष्मण सीता ताल को

भीमताल,,चंदन सिंह कुलियाल

सातताल में भगवान राम ने सीता माता को पिलाया था पानी
तीर मारकर जमीन से निकाला था पानी, जहां आज है राम लक्ष्मण सीता ताल
जब पूरा देश राम नाम जप कर रहा हो और अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर हो तो ऐसे में सातताल की राम लक्ष्मण सीता ताल का जिक्र किया जाना जरूरी है। यहां वनवास के समय भगवान राम लक्ष्मण माता सीता ने विचरण किया था। कहा जाता है कि माता सीता के केस धोने के लिए पानी नही मिला तो भगवान राम ने तीर जमीन में मारकर पानी निकाला, किदवंती है कि माता सीता को वनवास के समय जंगल मे पानी की प्यास लगी, माता सीता को व्याकुल देख भगवान राम ने तीर मारकर जमीन से पानी निकाला था। यह भी कहा जाता है कि यहां राम लक्ष्मण सीता तीन कुंड हुआ करते थे, जिन्होंने बाद में झील का रूप ले लिया। जहां आज एक सुंदर झील है। जिसे राम लक्ष्मण झील से जाना जाता है। नैनीताल से लगभग 22 किमी दूर स्थित सातताल के अपने नैसर्गिक सौंदर्य से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां नल दमयंती ताल, गरुड़ ताल, राम ताल, लक्ष्मण ताल, सीता ताल, हनुमान ताल, सूखा ताल होने से इसे सातताल कहा जाता है। राम लक्ष्मण सीता ताल सबसे बड़ी ताल है, जो दो पहाड़ियों के बीच फैली है। स्थानीय लोगो के मुताबिक यहां वनवास के समय राम लक्ष्मण सीता रहा करते थे। पौराणिक काल मे यहां पांडव भी रहे, माना जाता है कि हनुमान जी ने भी यहां विचरण किया जिस वजह से यहां हनुमान ताल बना। नल दमयंती ताल में नल और रानी दमयंती का महल हुआ करता था। सूखा ताल बारिश के समय ही भरता है। गरुड़ के आने पर गरुड़ ताल भी यहां है। वही हिडिंबा पर्वत भी लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है। बुजुर्गों से सुना है कि भगवान राम लक्ष्मण माता सीता वनवास के समय यहां रहे और तीन अलग अलग कुंड यहां पर थे। पास में ही आज भी यहां पौराणिक राम मंदिर है। स्थानीय लोग आज भी हर रोज पूजा अर्चना किया करते है।

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