उत्तराखण्ड
जल ही जीवन है
जिस तरह हलद्वानी में जनसंख्या की वृद्धि तथा भवन निर्माण में बढ़ोतरी हुई हैं उस हिसाब से पानी की किल्लत लगातार जारी है क्योंकि आधी से ज्यादा पानी की सप्लाई जल संस्थान गौला नदी से होती है जो गोला से लेकर फिर उसे फ़िल्टर किया जाता हैं पर वह पूर्ण रूप से सप्लाई नही हो पाती। बरसात के कारण स्लिट अधिक आ जाने के कारण पानी फ़िल्टर नही हो पाता । जिससे हल्द्वानी में जल आपूर्ति नही हो पाती हैं जिसके चलते ट्यूबवेल के माध्यम से जल आपूर्ति की जाती हैं ।पर जब तक ट्यूबवैल ठीक ठीक चल रहे है तो कोई किल्लत नही है अगर ट्यूबवैल की मोटर खराब हो गई तो त्राहि त्राहिहो जाती हैं ,पहाड़ी झेत्र होने के कारण वाटर लेबल काफी नीचे जिसके कारण ट्यूबवैल की मोटर अधिक समय तक चलना सम्भव नहीं हो पाता एक ट्यूबवैल की मरम्मत में कम से कम 15 से 20 दिन का समय लग जाता हैं गोला की सप्लाई से आपूर्ति के साथ साथ ट्यूबवैल से भी हलद्वानी की सप्लाई हो पा रही हैं जल संस्थान के पास जल भंडारण के कोई विकल्प नहीं है पुराने टैंक की समय सीमा लगभग पूर्ण हो चुकी हैं उसमें भंडार नही कर सकते है नए ओवर हेड टैंक ट्यूबवैल के साथ ही बने हुए हैं अगर जल संस्थान इसको गंभीरता से नही लेता तो आने वाले समय मे पानी के त्राहि त्राहि हो सकती हैं क्योंकि हलद्वानी में जनसंख्या के साथ भवन निर्माण भी चार गुना बढ़ोतरी हुई हैं तथा भवन एवम होटल अस्पताल में भंडारण में बढ़ोतरी हुई पर जल संस्थान के पास कोई अतिरिक्त व्यवस्था नही है आने वाला समय संकट जल का होगा अगर हम समय पर इसका सदुपयोग नही किया तो इसके परिणाम हम सबको भुगतने पड़ सकते है जल संचय का नारा ही हमारे लिए जीवनदान है आज जल तो कल हो सकता है अगर जल नही होगा तो कल होना सम्भव नही है