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उत्तराखण्ड

चालक की सूझ बूझ से बच गई। यात्रियों की जान।

रुद्रपुर तकनीकी अधिकारी की लापरवाई।की वजह से रोडवेज बसों की दुर्दशा खराब हो रही है। रोडवेज बसों में लाखो यात्री सफर तय करते हैं तथा परिवहन विभाग की बसों में चालाक के माध्यम।से हजारों यात्री सफर तय। करते हैं। तथा यात्रियों की सुखद यात्रा की जिम्मेदारी चालक। पर। होती हैं । दूसरी और बसों को देख रेख की जिम्मा परिवहन विभाग के तकनीकी अधिकारी। ,(फॉरमेन) पर होती हैं अगर कोई वाहन अगर रोड पर भेजा जाता है तो उससे पहले उसका। परिक्षण कर उसे रोड पर भेजा जा सके इसकी जिम्मेदारी फॉरमेन की होती हैं वर्कशॉप में पहले बसों की सारी देख रेख की जाए ताकि बस रास्ते में न खड़ी हो पर ऐसा न होकर बसों को ऐसे ही भेज दिया जाता है चालको का कहना है कि जब हम बसों की तकनीकी के बारे में फोरमैन को अवगत करवाते हैं तो वह एक कान से दूसरे कान से सुनकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। आज रूद्रपुर डिपो की बस टोल प्लाजा पर टकराने से बाल बाल बच गई चालक की सूझ बूझ से चालक ने बस को खाली मैदान में मोड़ दिया। बताया जाता है कि बस जब चक्कर लगा कर आई तो चालक ने नोट बुक पर बस की तकनीकी खराबी लाकबुक पर ऐंट्री करवा दी थी पर फॉरमेन ने बस को हाथ तक नहीं लगाया जिससे आज हादसा होने से टल गया सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जो भी कंपनी से कलपुर्जे आते हैं तो उसे बाजार से बदल कर देसी कलपुर्जे लगा दिए जाते हैं क्युकी इसमें फॉरमेम की बहुत बड़ी भूमिका रहती हैं अगर कोई घटना घटित होती हैं तो उसका ठीकरा चालक के सर के ऊपर फोड़ दिया जाता है चालक ने बताया कि इसमें हम लोगो को दोष क्यों लगाया जाता है विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि आप किलोमीटर करोगे तभी आपकी सैलरी मिलेगी हमे मजबूरन बस ओके रिपोर्ट दर्ज करवा कर जाना पड़ता है अगर कोई वाहन हाईवे पर खराब हो जाता है तो उसकी भरपाई फोरमैन से की जानी चाहिए जब बस वर्कशॉप से रवाना की जाती है तो लाकबूक पर फॉरमेन के ओके की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती तब वाहन को रोड पर भेजा जाता है पर चालक को धमकी दी जाती है अगर वाहन में कोई कमी पाई जाती है तो उसे नजरंदाज किया करो वाहनों पर छोटी मोटी कमी तो रहती ही है ये फॉरमेन का फरमान रहता हैं अब सवाल ये उठता है कि चालक अपनी बीती किसको सुनाए विभाग में चालक की सुनने वाला कोई नहीं है जिसके ऊपर हजारों यात्रियों की की। जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी रहती है ।यात्री अपनी सुखद यात्रा। कर। अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सके

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