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उत्तराखण्ड

एकता स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने स्वरोजगार अपना कर खुशहाली का दामन थामा।,,

सफलता की कहानी (नैनीताल)
• एकता स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने स्वरोजगार अपना कर खुशहाली का दामन थामा।
जनपद नैनीताल के विकास खण्ड हल्द्वानी में संचालित एकता स्वंय सहायता समूह द्वारा रूई की बत्तियों के साथ ही दाल की बडी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस समूह द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोटा हल्दू में कोविड कैन्टीन का संचालन सफलतापूर्वक किया। समूह की 15 महिलाएं जूडी हुई है। समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री सरस मार्केट में हिलांस आउटलेट के माध्यम से की जा रही है।
जनाकारी देते हुये मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 संदीप तिवारी ने बताया कि एकता स्वंय सहायता समूह के माध्यम से 07 परिवारों से 15 सदस्य स्वरोजगार से जुडे हुए है । इस समूह का कुल टर्नओवर 201500 रू0 तथा शुद्ध लाभ 103500 रू0 है। तथा प्रति परिवार आय 14785 रू0 है।
सीडीओ के मुताविक हल्द्वानी ब्लाक की करीब 06 हजार महिलाओं स्वरोजगार से जुडकर अपने जीवन को बेहतर बनाया है। ब्लाक हल्द्वानी 567 महिला स्वंय सहायता समूह पंजीकृत है इनके माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला रहा है। समूह गठन, प्रोत्साहन, प्रशिक्षण, बजट की व्यवस्था के साथ ही समूहों के उत्पादों की बिक्री का दायित्व भी विकास विभाग ने लिया है वही स्वंय जागरूक बनी महिलाएं अन्य महिलाओं को आगे बढने को प्रोत्साहित कर रही है। जानकारी देते हुए डॉ. तिवारी ने बताया कि सभी विकास खण्ड में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा रहा है कोशिश है कि महिला स्वरोजगार मिशन को धरातल में गौलापार चोरगलिया, बरेली रोड, रामपुर रोड और लामाचौड़ तक 60 गांव आते सभी को मिलाकर हल्द्वानी ब्लाक में इस समय 567 समूह पंजीकृत है। एक समूह में 10 महिलाएं है। वर्तमान में यह समूह खद्य सामग्री तैयार करने के साथ जूट बैग निर्माण मशुरूम उत्पादन, एलईडी ब्लब निर्माण के साथ ही कैन्टीन संचालन भी कर रही है। नैनीताल रोड सरस मार्केट में उत्पादन बिक्री के लिए बडा स्टोर होने के साथ ही आउटलेट उत्पादों को बाजार में उतारा जा रहा है।

एकता स्वंय सहायता समूह की अध्यक्षता पुष्पा पढालनी ने बताया कि ब्लाक मिशन प्रबंधक एरिया को अर्डिनेटर समेत विभाग से जुडे सभी लोगो समूहों को सहयोग करते है। शुरूआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था मगर अब महिलाओं जागरूक हो रही है। इसलिए हम लोगों भी उन्हें आगे बढाने के लिए पूरा सहयोग करते है। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से बाहर प्रशिक्षण देने के लिए भी जाते है।

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