उत्तराखण्ड
उत्तरांचल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों के 6,329 छात्रों को उपाधियां प्रदान की,,
राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने वीरवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए विभिन्न पाठ्यक्रमों के 6,329 छात्रों को उपाधियां प्रदान की। कार्यक्रम में 125 छात्रों को गोल्ड मेडल और 21 छात्रों को पीएचडी उपाधियां प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किए गए मोबाइल एप ‘यूनिसंगम’ और ‘ऑनलाइन कोर्स प्रोग्राम’ को लांच किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका-2022 का भी विमोचन किया गया।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आने वाले अमृतकाल के पच्चीस वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व आपकी पीढ़ी को करना है, अपने हाथों से विकसित भारत के सपनों को साकार करते हुए आगे बढं़े। उन्होंने कहा कि विश्वगुरू के शिखर तक पहुंचने में आप सभी युवाओं का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसंधान का सही उपयोग तभी संभव है, जब वह जानकारी फाइल से फील्ड और लैब से लैंड तक पहुंचे और उसका लाभ अंतिम छोर पर बैठ व्यक्ति को मिले। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे रोजगार चाहने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें।
राज्यपाल ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें आप सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। वर्तमान में बेहद चुनौतियां हैं, जिनसे पार पाने के लिए हमें शोध एवं अनुसंधान और टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि आज से सभी डिग्री धारक एक अलग स्तर पर पहुंच गये हैं, आप सभी को अतिरिक्त जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। आपको अपनी सोच, विचार और धारणा में परिवर्तन लाने की जरूरत है। आप सभी ऐसे नेतृत्वकर्ता बनें और हमेशा राष्ट्र और समाज के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान और गुण से देश एवं राष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सदैव प्रयत्न करें। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने से कभी भी पीछे न हटें। उन्होंने छात्रों से कहा कि प्रगति के पथ पर नैतिक मूल्यों एवं सामाजिक जड़ों को हमेशा याद रखे और सीखने की प्रवृत्ति कभी न छोड़ें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के शोध एवं अनुसंधान तथा तकनीक आधारित शैक्षिक वातावरण की प्रशंसा करते हुए इसे समाज कल्याणकारी बनाने पर बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा लांच किए गए ‘ई-संगम’ एवं ‘ऑनलाइन कोर्स’ की सराहना की।