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उत्तराखण्ड

एक अकेले तकनीकी अधिकारी पर वाहनों की फिटनेस की जिम्मेदारी।

नैनीताल जनपद के संभागीय परिवहन कार्यालय में एक अकेले तकनीकी अधिकारी देवेन्द्र सिंह नेगी जो लगभग प्रति दिन छोटे बड़े 60 70 वाहनों का परीक्षण करते हैं उसके बाद लाइसेंस वालो की परीक्षा के उनसे वाहनों का चलवा कर उनके लाइसेंस जारी करना मैने पहले एक ऐसे अधिकारी देखे जो अपने सामने लाइसेंस अभियार्थी से वाहन चलवाते है तथा उनका डाटा एंट्री अपने टैप पर ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद उन्हें लाइसेंस जारी करते हैं उसके बाद वाहनों की फिटनेस का परीक्षण बहुत ही बारीकी से करना उनके टायरों से लेकर इंजन वाईपर ,हेड लाइट बैक लाइट वाहनों पर ग्लोह साइन रिफ्लेक्टर होना अनिवार्य है साइड में रेडियम पट्टी का होना अनिवार्य है लगभग रोज छोटे बड़े 60 70 वाहनों का प्रति दिन का वाहनों की तकनीकी परीक्षण करने के बाद उनके फिटनेस का प्रमाण पत्र जारी करते हैं जब हमने उनसे वाहनों के परीक्षण संबंधित जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने बताया कि वाहनों को बहुत ही बारीकियों से परीक्षण करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी है इन वाहनों से सबके परिवार जुड़े हुए हैं अगर किसी अनफिट वाहन को मैने फिट कर दिया और वह सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो जवाबदेही भी मेरी होगी ,वाहनों के व्हील बैंलेंस से लेकर और कई तकनीकी परीक्षण होते हैं प्रति दिन वाहनों को फिटनेस देने के बाद उनके दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है वो भी बिना किसी कर्मचारी एवम सहयोगी अधिकारी के साथ वह अकेले ही अपना कार्य कर रहे हैं मेरी शासन से एक मांग है परिवहन विभाग के तकनीक अधिकारी के साथ एक उप तकनीकी अधिकारी एवम कर्मचारी की नियुक्ति की जानी चाहिए एक अकेला अधिकारी कहा तक रोज इतने वाहनों की फिटनेस कर पाएंगे ,कहि पर जिनके वाहन अन फिट होते है उनका दबाव भी झेलना पड़ता है ऐसे मे अनहोनी की आंशका रहती हैं परिवहन विभाग ने एक सुरक्षाकर्मियों को उनके साथ भेजना चाहिए ,,


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