उत्तराखण्ड
अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध समुचित न्याय की लड़ाई हेतु माले का प्रदर्शन,
• अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध समुचित न्याय की लड़ाई हेतु माले का प्रदर्शन
• राज्य सरकार का पुतला दहन
• 2 अक्टूबर उत्तराखंड बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ताओं का जुलूस प्रदर्शन पुतला दहन
अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध 2 अक्टूबर को आहूत संयुक्त बंद को समर्थन करते हुए भाकपा माले ने कार रोड बिन्दुखत्ता में जुलूस प्रदर्शन कर राज्य सरकार का पुतला दहन किया. अंकिता व जगदीश के समुचित न्याय हेतु लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया गया.
पुतला दहन से पूर्व कार रोड चौराहा पर हुई नुक्कड़ सभा में बोलते हुए भाकपा माले के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि, “2 अक्टूबर 1994 उत्तराखंड के लिए हमेशा काले दिन के रूप में दर्ज रहेगा. मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को राज्य बनने के 22 वर्ष बाद भी सजा नहीं मिल पाई बल्कि दोषियों को भाजपाई प्रमोट ही करते रहे. राजनाथ सिंह जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने मुजफ्फरनगर कांड के दोषी अनंत कुमार सिंह को अपना प्रिंसिपल सेक्रेटरी बना दिया था.”
उन्होंने कहा कि, “आज भाजपा की डबल इंजन सरकार के दौर में अंकिता व जगदीश हत्याकांड इस बात के साक्षी हैं कि समाज के कमजोर तबके भाजपा राज में सुरक्षित नहीं है. इतना ही नहीं अंकिता कांड में तो हमने देखा कि भाजपा नेता विनोद आर्य के संरक्षण में उसके बेटे ने किसी वीआईपी की अय्याशी की खातिर अंकिता की जान ले ली. वीआईपी जरूर कोई बढ़ा व खास आदमी है जिसको बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार एकजुट है. जगदीश हत्याकांड पर भी राज्य सरकार का नजरिया बेहद ही दुखद और निराशाजनक रहा है. इसीलिये जनता ने न्याय की लड़ाई को अपने हाथ में लिया है.”
उन्होंने कहा कि, “जिस तरह उत्तराखंड में लगातार महिला और दलित उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है ऐसे में पूरे समाज में गहरे मौजूद पितृसत्तात्मक सामंती जातिवादी चेतना के विरुद्ध एक बड़े साँस्कृतिक सामजिक पुनर्जागरण की आवश्यकता है.”
प्रदर्शन के माध्यम से मांग की गई: – अंकिता मामले में अभियुक्तों को कड़ी सजा दी जाय और आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाय. उत्तराखंड में लगातार बढ़ते महिला अपराधों पर रोक लगाने के कारगर उपाय किये जाएं. इस मामले में आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार पौड़ी जिले के जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाय. अवैध रूप से बन और चल रहे रिसॉर्टों की जांच की जाय. साथ ही ऐसे रिसॉर्टों को परमीशन देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाय.- जगदीश हत्याकांड और इस बीच उत्तराखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में घटित हुई बहुत सी दलित उत्पीड़न की घटनाओं ने हमारे समाज की जातिवादी विभाजन को बहुत वीभत्स तरीके से सामने ला दिया है. इस तरह की जातिवादी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार और समाज दोनों को मजबूती से आगे आना होगा. हम मांग करते हैं कि जगदीश चंद्र की पत्नी को राज्य सरकार द्वारा स्थायी सरकारी नौकरी और समुचित मुआवजा दिया जाय. सरकारी नौकरियों की भर्ती में घोटालों और यू.के.एस.एस.एस.सी.में राजनीतिक संरक्षण में हुई शर्मनाक धांधलेबाजी व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में भर्ती की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की जाय. राज्य में हजारों खाली पदों पर तत्काल पारदर्शी तरीके से भर्ती की जाय.
तीन साल से रिक्त पदों को समाप्त करने की घोषणा वापस लेते हुए उन पदों पर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाय.- हेलंग प्रकरण न्यायिक जांच की जाय, जिलाधिकारी चमोली को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए.
जुलूस प्रदर्शन पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य तौर पर भाकपा माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, भुवन जोशी, डॉ कैलाश पांडेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, इमाम, चन्दन राम, कमल जोशी, गणेश दत्त पाठक, बचन सिंह, राजू भट्ट, इनाम अली, सुशीला थापा, हरीश भंडारी, इरशाद अली, बिशन दत्त जोशी, निर्मला शाही, ललित जोशी, आनंद दानू, मनोहर शाह, राजेन्द्र, धन सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे.