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उत्तराखण्ड

श्रम कार्डाें के नवीनीकरण व पुनःआवेदन में होने वाली समस्याओं के निराकरण की मांग हेतु ज्ञापन सौंपा।


उत्तराखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन (सम्बद्ध-एक्टू) के शिष्टमण्डल ने श्रमायुक्त (उत्तराखण्ड) को निर्माण मजदूरों के श्रम कार्डाें के नवीनीकरण व पुनःआवेदन में होने वाली समस्याओं के निराकरण की मांग हेतु ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान उत्तराखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन(सम्बद्ध-एक्टू) के महामंत्री ललित मटियाली ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि भवन सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में रजिस्टर्ड हजारों मजदूरों के श्रम कार्ड बोर्ड द्वारा निरस्त किये जा चुके हैं। इन हजारों निरस्त कार्डाे में ज्यादातर संख्या उन मजदूरों के कार्डाें की है जो वास्तव में निर्माण मजदूरी का कार्य लगातार कर रहे हैं और नियमित तौर पर काम में व्यस्त रहने की वजह से सही समय पर अपने श्रम कार्डों का नवीनीकरण नही कर पाए हैं। इनमें से ही ज्यादातर मजदूर ऐसे है जो श्रम बोर्ड के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का भी लाभ ठीक तरह से नहीं ले पाए हैं। श्रम विभाग में कार्ड बनवाने, नवीनीकरण करवाने व सुविधाएं लेने के लिए मजदूरों की अत्यधिक भीड़ लगी रहती थी। जिस वजह से काफी दिनों का समय व पैसा आने जाने में व्यर्थ हो जाता था और काम करने वाले मजदूरों के पास इतना समय भी नहीं हो पाता था कि काम छोड़कर कई दिनों तक श्रम विभाग मे लाइनों में लगे रहें। ऐसे मजदूरों के पास अपने कार्ड की स्थिति जांचने, मोबाईल में किसी सम्बंधित मैसेज देख/समझ पाने, बोर्ड के तहत दी जाने वाली सुविधाओं की पूरी तरह जानकारी न होना जैसी कई समस्याऐं होती हैं। पिछले 2 वर्ष में तो कोराना के कारण हुए लाॅकडाउन से हुई समस्याओं के कारण भी श्रमिक कार्डों का नवीनीकरण नहीं करा पाए। इन समस्याओं को बोर्ड द्वारा समझने व समाधान निकालने के बजाए उपयुक्त समय में नवीनीकरण न करने पर निरस्त कर देना ही सही लगा । जोकि हजारों वास्तविक मजदूरों के साथ अन्याय है। 
	उन्होंने कहा कि कोई मजदूर यदि वास्तव में निर्माण मजदूरी का कार्य करता है व तमाम समस्याओं की वजह से कार्ड नवीनीकरण नहीं कर पाया है तो क्या बोर्ड को मजदूर तक पहुचने के बजाय कार्ड निरस्त कर देना क्या सही है? यदि कार्ड निरस्त भी हो गया है तो क्या उन्हें पुनः आवेदन करने का अधिकार नही है? बोर्ड द्वारा निरस्त कार्डों के मजदूरों के लिए वेब पोर्टल पर आवेदन करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। निरस्त हुए कार्डों वाले मजदूर जब पुनः आवेदन करने जा रहे हैं तो उनका आवेदन क्यों स्वीकार नहीं किया जा रहा है? 
	ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी कि निरस्त किये गये श्रम कार्ड जिन्हे निरस्त हुए एक वर्ष पूरा नहीं हुआ है उन्हें नवीनीकरण का अंतिम मौका दिया जाए जिसका व्यापक प्रचार प्रसार हो, ताकि मजदूरों तक सही सूचना पहुंच सके, यदि कार्ड निरस्त हुए एक वर्ष से अधिक हुआ है उनका आॅनलाइन पुनःआवेदन स्वीकार किया जाए और उनके कार्ड पुनः बनाये जाए, निर्माण मजदूरों के श्रम कार्डों के नवीनीकरण, कार्ड बनने तथा अन्य सुविधाएं वितरित करने की प्रक्रिया में तेजी लायी जाए।

श्रमायुक्त महोदय ने उक्त मांगों को उत्तराखण्ड बोर्ड तक पहुंचाने का आश्वासन दिया । इस दौरान ललित मटियाली के अतिरिक्त युनियन के सदस्य कमल जोशी व खीम सिंह भी थे।

								
								

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