Connect with us

उत्तराखण्ड

नंगे पैर बाबा बर्फानी के दर्शन कर लौटी डॉ. शीला, आरती उतारने को उमड़ पड़ी आसपड़ोस की ईजाएं,,

हल्द्वानी। आज के वक्त में जहां अधिकतर लोग खुद तक सिमट कर रह गए हैं, खून के रिश्ते नाते तक उन्हें बोझिल से लग रहे हैं। आस पड़ोस के लोगों से दूरी सी है और हर कोई सोशल मीडिया पर ही अपने होने न होने का एहसास करा रहा है, ऐसे वक्त में बीते दिनों शहर की आदर्श नगर कॉलोनी में जो घटा वो मिसाल बन गया।

शिवभक्तों की आस्था के केंद्र बाबा बर्फानी और माता वैष्णो देवी के दर्शन कर लौटी डॉ. शीला अधिकारी का आदर्शनगर कॉलोनी की दर्जनों ईजाओं ने फूलमाला और चुन्नी ओढ़ाकर स्वागत किया और आरती भी उतारी। इस दौरान हर हर महादेव, जय बाबा बर्फानी और जय माता दी के जयकारों से माहौल गुंजायमान हो गया। जिसने भी यह नजारा देखा वह इस खूबसूरत सामाजिक रिश्ते नातों के ताने बाने का मुरीद हो गया।
दरअसल बृहस्पतिवार देर शाम बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा से हल्द्वानी लौटी डॉ. शीला के आने के खबर जैसे ही आस पड़ोस की बुजुर्ग महिलाओं और युवतियों को लगी तो सभी अपने घरों से फूलमाला, दिया बाती और चुन्नी लेकर रास्ते में खड़ी हो गईं।
स्वागत को उमड़ी महिलाओं ने बताया कि शीला हम सब की बेटी जैसी है। वह हम सब के सुख सुख में हमेशा साथ खड़ी रहती है। कोरोना काल इस बात का गवाह है। यही वजह है कि कॉलोनी और क्षेत्र के लोग शीला को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। इस दौरान कई बुजुर्ग महिलाएं भावुक हो गईं।
वहीं डॉ. शीला अधिकारी ने बताया कि उन्हें अमरनाथ यात्रा के पहले ही दिन बाबा बर्फानी के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। पूरी यात्रा के दौरान भारतीय सेना के जवानों की सेवा और सहयोग से वह अभिभूत नजर आई। उन्होंने बताया कि भगवान शिव में अगाध आस्था की वजह से वह पहले भी दो बार बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उनके माता पिता का निधन हो गया। तब से कॉलोनी की माताओं से उन्हें खूब प्यार और ममता मिली। वह व्हाट्सएप स्टेटस के जरिए यात्रा की पल पल की जानकारी के साथ सभी से जुड़ी हुई थीं।
स्वागत करने वालों में शांति कपिल, विमला अधिकारी, राधा उपाध्याय, अंबिका मेलकानी, ललिता डालाकोटी, तारा खुल्वे, कुसुम शर्मा, बीना जोशी, बसंती ढेला, पम्मी वर्मा, हेमा खोलिया, सवित्री बिष्ट, गीता नयाल आदि रहे।

यात्रा में कुमाऊंनी पिछौड़ा बना आकर्षण का केंद्र

डॉ. शीला अधिकारी ने बताया कि बाबा बर्फानी और मां वैष्णो देवी की यात्रा उन्होंने नंगे पैर पूरी की। इस दौरान हर पल कुमाऊंनी पिछौड़ा पहने रखा। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान कई लोगों ने सुख और सौभाग्य के प्रतीक पिछोड़े को लेकर पूछा। उन्होंने सभी की जिज्ञासा को शांत किया और देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराया। यात्रा के दौरान एक नेशनल न्यूज चैनल द्वारा लिए गए डॉ. शीला के इंटरव्यू का वीडियो भी वायरल हुआ।

अब तक हजारों बच्चों को दे चुकी हैं निशुल्क शिक्षा

बताते चलें कि डॉ. शीला अधिकारी लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। उनका फोकस हमेशा समाज के निचले तबके के लोगों का हित करने का रहता है जिसे अधिकतर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। तीन दशक से भी अधिक समय से अध्यापन कार्य से जुड़ी डॉ. शीला अधिकारी अब तक हजारों स्कूली बच्चों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को अंग्रेजी साहित्य और व्याकरण के अलावा बाल मनोविज्ञान की निशुल्क शिक्षा दे चुकी हैं। यही वजह है कि कॉलोनी और क्षेत्र के लोग उनके सामाजिक कार्यों की तारीफ करते नही थकते। उन्हें सभी से प्यार और सहयोग मिलता है।


Continue Reading
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page