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उत्तराखण्ड

सैल्यूट रेस्क्यू टीम: जुगाड़-जंतर कामयाब, फेल हुई अमरीकी मशीन,,

राजेश सरकार

देहरादून/ हल्द्वानी। भारतीयों को अपनी जुगाड़ू और तकनीकी दक्षता के लिए दुनिया भर में जाना पहचाना जाता है। जरूरत हो तो वे अपने जुगाड़ से कुछ भी करने को तैयार ही नहीं होते बल्कि सफ़ल भी होते है। यहां हम बात कर रहे है सिलक्यारा टनल में 17 दिन से जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे 41श्रमिको की। जिन्हें आज मंगलवार को खुशियों के उजाले दिखे हैं। सभी 41 श्रमिक टनल से सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। इस कार्य के लिए समूची रेस्क्यू टीम को हमारा सैल्यूट है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस आपरेशन को मानिटर कर रहे थे। पीएमओ की टीम के अधिकारी भी लगातार रेस्क्यू आपरेशन को देख रहे थे। मजदूरों और वहां रेस्क्यू आपरेशन में जुटे कर्मचारियों और मजदूरों की हौसला अफजाई भी कर रहे थे। आज मंगलवार को वहां मौजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह बाहर निकाले गए मजदूरों से मिले। उनकी कुशलता पूछ उनसे बातचीत की। कल ही प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण किया था। मजदूरों के बाहर निकलने से सभी खुश हैं। वहां मौजूद सभी अधिकारी तालियां बजाकर बाहर निकल रहे मजदूरों के हौसले को सलाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह ही बाबा बौखनाग जी से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रार्थना की थी।
बता दे कि सिलक्‍यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन टूटने के बाद मैनुअल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया था। क्योंकि अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए जो अगले पाईप को सेट करना था वो नहीं हो पाया था। क्योंकि अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटे हुए पार्ट को ही निकालने में काफी समय लगने की बात सामने आ रही थी। इस प्रोसेस में बहुत वक्त लगने के चलते रेस्क्यू टीम हेड ने मैनुअल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।


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