उत्तराखण्ड
ओ री चिरैया, नन्हीं सी चिड़िया, अंगना में फिर आजा रे। हमने तुझपे हजारों सितम हैं किये,
ओ री चिरैया, नन्हीं सी चिड़िया, अंगना में फिर आजा रे। हमने तुझपे हजारों सितम हैं किये,
हमने तुझपे जहां भर के जुल्म किये, हमने सोचा नहीं, तू जो उड़ जायेगी, ये जमीं तेरे बिन सूनी रह जायेगी, किसके दम पे सजेगा अंगना मेरा।
गौरैया दिवस (20 मार्च) पर इस गीत का एक-एक शब्द सटीक बैठता है। हमारे घर-आंगन की प्यारी-दुलारी चहकती-फुदकती चिड़िया गौरैया को हमारी शहरी सभ्यता ने हमसे कितना दूर कर दिया। गौरैया को हमारे परिवेश में फिर वापस बुलाने, बसाने की कोशिशें कई प्रकृति प्रेमी नागरिक और सामाजिक संस्थाएं कर रही हैं।
ग्रीन सिटी हल्द्वानी की दो जागरूक बहनें भी अपने तरीके से गौरैया की चहचहाहट बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। दोनों बहनों ने इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब को माध्यम बनाया है।
छोटी बहन हिमानी मिश्र द्वारा बनाये गये यूट्यूब वीडियो में गौरैया के विलुप्त होने के कारणों पर चर्चा, उनकी घर वापसी और उनके लिए घोंसले लगाने की अपील की गयी है। हिमानी के इस वीडियो को 30 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
बड़ी बहन शिवानी मिश्र ने अपने यूट्यूब वीडियो में गौरैया के नर और मादा द्वारा घोंसला चयन, उनके मिलन, घोंसला निर्माण, अंडे देने से लेकर बच्चों को चुगाने, उन्हें बड़ा करके उड़ाने तक की प्रक्रिया को सरल भाषा में दृश्यों के माध्यम से समझाने का प्रयास किया है। इस वीडियो को अब तक लगभग 18000 से अधिक गौरैया प्रेमी देख चुके हैं।
हिमानी के द्वारा गौरैया संरक्षण को समर्पित तीन पक्षी प्रेमियों के साक्षात्कार भी यूट्यूब पर अपलोड किये गये हैं, जिनमें ग्रीन सिटी के स्पैरोमैन गुलाब सिंह नेगी, देवभूमि के गौरैया सेवक दिनेश कुकरेती और स्पैरोमैन ऑफ काशी नवनीत पाण्डे शामिल हैं। ये सभी साक्षात्कार गौरैया से जुड़ी समस्त जिज्ञासाओं का समाधान करने में समर्थ हैं। इन्हें इन लिंक को क्लिक करके देखा जा सकता है।