उत्तराखण्ड
मोदी राज अडानी-अंबानी के लिए अमृतकाल और मेहनतकशों के लिये विष काल है: डा कैलाश पाण्डेय
हल्द्वानी
- मई दिवस का आयोजन संयुक्त रूप से बुद्ध पार्क हल्द्वानी में होगा
- ऐक्टू से जुड़ी सभी यूनियनें शामिल होंगी
1 मई मजदूर दिवस का आयोजन तमाम यूनियनों और जनसंगठनों द्वारा संयुक्त रूप से बुद्ध पार्क हल्द्वानी में सायं चार बजे से किया जाएगा। कार्यक्रम में ऐक्टू से जुड़ी सभी यूनियनें भी शामिल होंगी। यह जानकारी ट्रेड यूनियन ऐक्टू के प्रदेश उपाध्यक्ष डा कैलाश पाण्डेय ने दी।
उन्होंने बताया कि, “इस वर्ष, भारत में हम 100वां मई दिवस मना रहे हैं. 1886 में शिकागो, अमरीका के श्रमिकों के बलिदान के 37 वर्षों के बाद, भारत में पहला मई दिवस 1923 को चेन्नई के मरीना बीच पर कॉमरेड सिंगारवेलर द्वारा मई दिवस का झंडा फहरा कर मनाया गया था. मई दिवस 8 घंटे के कार्य दिवस और साथ ही अन्य तमाम अधिकारों को हासिल करने के लिए मजदूर वर्ग के बलिदान के दिन को चिह्नित करता है. 1 मई पूरी दुनिया के मजदूर वर्ग का दिन बन गया है. लेकिन, आज हम ऐसी स्थिति में मई दिवस मना रहे हैं, जब श्रमिकों के जुझारू संघर्षों और कुर्बानियों से हासिल अधिकारों को उलटा जा रहा है. और इसलिए, मजदूर वर्ग आज सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है. असल में प्रधानमंत्री मोदी, 1 अप्रैल से लागू करके गुलामी के 4 श्रम कोड मई दिवस 2023 के लिए ‘‘उपहार‘‘ स्वरूप, देना चाहते थे. लेकिन, निरंतर जारी विरोध और खासकर अब 2024 में लोकसभा के आगामी आम चुनावों के मद्देनजर, मेहनतकशों और ट्रेड यूनियनों के चैतरफा विरोध के डर से इन कोडों के अमल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया लगता है.”
उन्होंने कहा कि,”मोदी सरकार का अमृतकाल अडानी व अंबानी का राज है, यानी ‘‘पूंजीपतियों का भारत‘‘ है और मेहनतकशों के लिये ‘‘विष काल‘‘ है.”
डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “आशा, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील जैसी तमाम सरकारी योजनाओं के लिए बजट आवंटन में भारी कटौती की गई है. दिन रात मेहनत करने वाली महिला कामगारों को ये सरकारें न्यूनतम वेतन तक से वंचित रख रही हैं।”
उन्होंने कहा कि, “मजदूर वर्ग को मई दिवस 2023 पर, मोदी सरकार के इन हमलों और मेहनतकश जनता को बांटने और धोखा देने के उसके नापाक मंसूबों का निर्णायक रूप से मुकाबला करने का संकल्प लेना चाहिए.” उन्होंने सभी मजदूरों कर्मचारियों मेहनतकशों से मई दिवस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की।