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उत्तराखण्ड

मैक्स केअर ने शरू की साई अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए ओपीडी ,

कैंसर की बीमारी की जानकारी के बाद अब ईलाज शरू किया जा सकता है आज मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर वैशाली ने हलद्वानी में जीआई ऑक्नोलॉजी सेवा साई हॉस्पिटल हल्द्वानी के सहयोग से जीआई गैस्ट्रोइंटेस्टइनल ऑक्नॉलॉजी ओपीडी सेवा शरू करते हुए कहा कि समय अनुसार कैंसर की शुरुवाती तौर मरीज का ईलाज किया जा सकता है डॉ मंगला ने बताया कि मरीज को सुलभ पहुँच औऱ उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेगी यह केंद्र मरीजो को जीआई कैंसर ( पैनक्रियाज ) पेट कोलन रेक्टम एनस बिलियारी सिस्टम और छोटी आंत के कैंसर समेत के लिए विशेषज्ञों की सलाह और उपचार सुविधा उपलब्ध कराएगा इस ओपीडी सेवा का उद्घाटन मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर केयर वैशाली में जीआई एचपीबी ओन्कोसर्जरी सर्जरी विभाग के डायरेक्टर और प्रमुख डॉ विवेक मंगला ने किया डॉ मंगला इस ओपीडी में परामर्श के लिए हर महीने के चौथे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक उपलब्ध रहेंगे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का असल एसोफेगस पेट ,की छोटी बड़ी आंत लीवर गॉलब्लेडर पेनक्रियाज समेत जीआई ट्रैक्ट तथा पांचन तंत्र पर पड़ता है ये कैंसर पेट के हिस्से से अल्सर या गांठ के तौर पर उभर सकते है और समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो दूसरे अंगों में फेल सकते हैं सही इसका निदान बेहतर ईलाज की संभावना बढ़ाता है और मरीजो के लंबे समय तक जीने की संभावना को बढ़ाता है लेकिन देरी से उपचार का असर न सिर्फ ईलाज के परिणाम पर पड़ता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इनसे जुड़े मामलों में वृद्धि लोगों में कम जागरूकता को दर्शाती हैं जिस कारण रोग की शुरुआती पहचान नही हो पाती यह ओपीडी सेवा शरू होने से बरेली के लोगो को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी और हम इन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकेंगे डॉ मंगला ने कहा कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का असर एसोफेगस पेट की छोटी बड़ी आंत लिवर गॉल्बेलडर पेनक्रियाज समेत जीआई ट्रैक्ट तथा पांचन तंत्र पर पड़ता है लेकिन देरी से उपचार का असर दूसरे अंगों पर भी पड़ता है हाल में ही एक एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से कई मरीजो की जान बचाई गई है कोरोनो महामारी के दौर में मरीजो को ईलाज कम से कम अस्पताल में रहना पड़े इसमें विंची रोबोट के जरिए मिनिमल इन्वोसिव सर्जरी तथा रोबोटिक सर्जरी ने कभी मदद की है कैंसर के ईलाज में अब बहुत अधिक तकनीक विकसित हो चुकी है और एक्सोसिव पद्दति छोटे से छोटे से दूरबीन पद्दति से जटिल सर्जरी भी आसान हो गई है सर्जन दुवारा पेट लिवर कोलन कैंसर तथा कैंसर से बनी गांठो को दूरबीन विधि दुवारा आसानी से निकाल सकते है गोब्लोकैन 2020 के हालिया आकड़ो के अनुसार उस साल कैंसर के जितने मामले दर्ज किए गए हैं उसमें 20% मामले जीआई कैंसर के शामिल थे 2,10,438 मृतुदर के साथ कुल 2,55,715 नए मामलेदर्जकिये गए थे जीआई कैंसर में पेट का कैंसर मृतुदर और बिमारीदर का मुख कारण है इंसोफगल कैंसर के बाद 31646 (12-3 %)नए मामलों के साथ कलरेक्टरल कैंसर महिलाओं और पुरुषों में समान रूप से पाया गया है मैक्स के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ गौरव अग्रवाल ने बताया कि मैक्स में हम लोगो को शुरुवाती निदान के महत्व के बारे में जागरूक करने की कोशिश करते हैं हमारा उद्देश्य लोगो को कैंसर के बारे मे जागरूक करना और उन्हें उचित वातावरण प्रदान करना है कैंसर न सिर्फ मरीजो को शाशीरिक रुप से बल्कि मानसिक प्रभावित करता है कैंसर से लड़ने के लिए व्यक्ति को साहसी होना पड़ता है इसीलिए लोगो को इसके लक्षणो के बारे मे जानकारी होने के साथ शुरुवाती निदान के लिए नियमित रूप से रूटीन चेकअप के महत्व को भी समझना होगा देश मे कैंसर के अधिकतर मामलों में मरीज की मृतु निदान में देर करने से होती हैं समयपर स्क्रीनिंग टीका शुरुवाती निदान कैंसर की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं ।

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