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उत्तराखण्ड

गौला नदी के किनारे बसे लोगों की जान माल की सुरक्षा की जाय,,आनंद सिंह नेगी,,


लालकुआं
एक ही बरसात से प्रशासन की खुली पोल,, ऐसे में सरकार लोगों के आवास की व्यवस्था किये बिना घर खाली करने का नोटिस देना प्रशासन की असंवेदनशीलतातटबंध बनाने में कमीशन का खेल बंद कर स्थाई तटबंध की कार्ययोजना बनेबरसात के महिनों में एनडीआरएफ का कैंप कार्यालय खोला जाय। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मौके पर पोकलैंड मशीनों की तैनाती की जाय गौला नदी के किनारे बसे लोगों की जान माल की सुरक्षा की जाय। राजस्व विभाग द्वारा ग्रामीणों की आवास की व्यवस्था किये बिना घर खाली करने का नोटिस सरकार का ग्रामीणों को जमीन से बेदखल करने का फरमान है। बिन्दुखत्ता क्षेत्रान्तर्गत गौला नदी के नजदीकी क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को नदी में बाढ़ के खतरे से बचने के लिए राजस्व विभाग द्वारा अपने घरों को छोड़कर अन्यत्र जाने के लिए नोटिस जारी कर दिया है ग्रामीणों की अन्यत्र रहने की व्यवस्था किए वगैर घर छोड़ने की चेतावनी विभाग की गैरजिम्मेदराना और बचकाना हरकत है।’
अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने किसान महासभा और माले कार्यकर्ताओं के साथ गौला नदी के जल कटाव क्षेत्र का भ्रमण कर यह बात कही। उन्होंने प्रभावितों से सम्पर्क करते हुए कहा कि पिछले कई सालों से बरसात में गौला नदी में बेतरतीब खनन के चलते ग्रामीण बाढ़ का दंश झेल रहे हैं प्रति वर्ष जल कटाव से जमीन और मकानों को नुकसान हो रहा है । उन्होंने कहा किसान महासभा के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों से ग्रामीण गोला में मजबूत तटबंध बनाने की मांग सरकार से कर रहे हैं परंतु सरकार स्थाई समाधान के बजाय कुछ चेले चपाटों को फायदा पहुंचाने के लिए धन आवंटित कर लीपापोती कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राजस्व गाँव बनाने का वायदा कर ग्रामीणों की एकता को लगातार तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है ग्रामीण एकताबद्ध होकर बड़े जनान्दोलन के माध्यम से नदी के जल कटाव का स्थाई समाधान के साथ ही जमीन के मालिकाना हक को हासिल करेंगे।

जल कटाव क्षेत्र के भ्रमण के दौरान भाकपा माले के जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, गौला नदी के किनारे बसे लोगों के लिए हर बरसात में एक ही डर सताता रहता है कि कहीं उनका घर बार न उजड़ जाए। भाजपा सरकार और प्रशासन इस बात को जानते हैं लेकिन फिर भी कोई स्थाई समाधान की पहल नहीं हो रही है। यह स्थानीय विधायक, सरकार और जिला प्रशासन की घोर असफलता और असंवेदनशीलता है कि लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। जो शर्मनाक है।

किसान महासभा ने प्रशासन से मांग की कि, गौला नदी के किनारे बसे लोगों की जान माल की सुरक्षा की जाय, लोगों के आवास की व्यवस्था किये बिना घर खाली करने का नोटिस वापस लिया जाय और उनके लिए आवास की व्यवस्था प्रशासन करे, तटबंध बनाने में कमीशन का खेल बंद कर स्थाई तटबंध की कार्ययोजना बने, किसी भी दुर्घटना की स्थिति से निपटने के लिए बरसात के महिनों में एनडीआरएफ का कैंप कार्यालय बिंदुखत्ता में खोला जाय, किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मौके पर पोकलैंड मशीनों की तैनाती की जाय।

जल कटाव क्षेत्रों का दौरा करने वालों में किसान महासभा के अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, बिन्दुखत्ता के एरिया सेक्रेट्री कामरेड पुष्कर दुबड़िया, एपवा की नेता कामरेड विमला रौथाण, ललित मटियाली, गिरीश जोशी, तारा चन्द्र आदि सम्मिलित रहे।आनंद सिंह नेगी।प्रदेश अध्यक्ष ,अखिल भारतीय किसान महासभा

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