उत्तराखण्ड
*प्रेरणादायिनी व्यक्तित्त्व अखिलेश चन्द्र चमोला
*प्रेरणादायिनी व्यक्तित्त्व -श्री अखिलेश चन्द्र चमोला
आज भी समाज मेँ इस तरह के समर्पित शिक्षक हैँ, जो कि अपने सफल अध्यापन कार्य करने के साथ ही खोज बीन कार्य करके समाज सेवा, शिक्षा, साहित्य, पर्यावरण आदि के क्षेत्र मेँ अनुकरणीय तथा उल्लेखनीय कार्य करने वालो को मन्च देकर प्रोत्साहित करते हुये सम्मानित करने का कार्य भी करते रहते हैं। इसी तरह की मुहिम चलाने वालोँ में जनपद पौडी गढवाल विकास खन्ड खिर्सू में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत श्री अखिलेश चन्द्र चमोला का नाम बडे ही आदर व गौरव के साथ लिया जाता है। जो निरन्तर भावी पीढी और समाज में विशिष्ट कार्य करने वालोँ को अपने निजी खर्चे में भव्य आयोजित कार्यक्रम करके उन्हें सम्मानित करने का कार्य भी करते रहते हैं। अभी तक क्ई बाल प्रतिभाओँ और समाज मेँ अनुकरणीय कार्य करने वालोँ को सम्मानित करने का कार्य कर चुके हैं। ज्योतिष हस्तरेखा का भी अद्भुत ज्ञान होने पर समाज का निशुल्क मार्ग दर्शन करना इनका हिस्सा बन चूका है। हजारों युवाओँ को नशे से दूर रहने की प्रतिज्ञा भी दिलवा चुके हैं।
इस तरह के अतुलनीय ब्यक्तित्व का जन्म १जुलाई १९७२को जनपद रुद्रप्रयाग के बिकास खण्ड बसुकेदार के ग्राम कौँशलपुर निवासी श्री श्रीधर चातक तथा श्रीमती राजेश्वरी चमोला के द्वितीय पुत्र के रूप मेँ पर्दापण हुआ।उच्च शिक्षा कला निष्णात दर्शन शास्त्र में सर्वोच्च अँक लेकर उत्तीर्ण की। उच्च अँक लेने पर केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढवाल द्वारा इन्हेँ स्वर्ण पदक से भी अँलकृत किया।
२००३में सरकारी सेवा में योगदान गरीब, निर्धन असहाय बच्चों की सेवा का सँकल्प लेकर बच्चों के बीच मित्रवत् व्यवहार करके अपना शिक्षण कार्य सम्पादित करने का कार्य करते रहते हैं। इनका मानना है कि भावी पीढी ही हमारी राष्ट की धरोहर है, इनका सम्मान करना सम्पूर्ण राष्ट का सम्मान करना है। भावी पीढी में भारतीय संस्कृति के बीजरोपित करने के लिये इनके द्वारा छात्रोपयोगी क्ई पत्र पत्रिकाओँ तथा पुस्तकों का भी प्रकाशन कर चुके हैं। इनकी मुख्य प्रेरणादायिनी पुस्तकोँ के नाम इस प्रकार से हैँ -नैतिक बोध कथायेँ, शैक्षिक नवाचार एवं क्रियात्मक शोध, भारतीय संस्कृति तथा नैतिक शिक्षा के आयाम, महापुरुषोँ के अनमोल विचार, साथ ही नगर पालिका परिषद् श्रीनगर गढवाल द्वारा प्रकाशित पत्रिका में सम्पादक की भूमिका का भी निर्वहन कर चुके हैं। शिक्षा, ज्योतिष, समाज सेवा, साहित्य सृजन, पर्यावरण आदि के क्षेत्र मेँ विशिष्ट व उत्कृष्ठ सेवाओं को सम्पादित करने पर क्ई राष्ट्रीय अन्तर्राष्टीय सम्मानोपाधियोँ से भी बिभूषित हो चुके हैं।
श्री चमोला के कार्यो का गहनता से अवलोकन करने पर इतिहास पुरातत्व शोध सँस्थान बालाघाट मध्य प्रदेश, भारत ने देश के बिभिन्न राज्यों से पाँच अनुकरणीय बिराट ब्यक्तित्व को डाक्टर आँफ फिलौस्पी की मानद उपाधि से सम्मानित करने का निर्णय लिया है, जो कि २७फरवरी को किया जाना तय हुआ है, इसमें इतिहास पुरातत्व शोध सँस्थान बालाघाट मध्य प्रदेश के अकादमिक परिषद ने हिन्दी शिक्षक अखिलेश चन्द्र चमोला का भी चयन किया गया है, जिसकी सूचना शोध संस्थान के निदेशक द्वारा चमोला को ब्यक्तिगत रुप से दी गई है। इस तरह की उपलब्धि की सूचना पर बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद तथा समाज के बुद्धि जीवी वर्ग मेँ खुशी की लहर छा गई है। प्रसिद्ध पर्यावरण विद ,साहित्य कार, समाज सेवी, कम्पनी के निदेशक सूर्य प्रकाश ने कहा कि श्री चमोला की इस तरह की उपलब्धि शैछिक जगत के लिए अनुकरणीय है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का नाम भी रोशन होता है। स्वतन्त्र श्रम जीवी पत्रकार यूनियन देहरादून के अध्यक्ष श्री चन्द्र वीर गायत्री ने कहा कि श्री चमोला का ब्यक्तित्व अतुलनीय और प्रेरणा दायिनी है, अपने प्रेरणादायिनी कार्योँ से समाज मेँ नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शोध सँस्थान द्वारा पी,एच,डी की उपाधि से विभूषित करना सम्पूर्ण उत्तराखंड का गौरव दर्शाता है। निस्सन्देह श्री चमोला बधाई के पात्र हैं। श्रीनगर गढवाल के उत्तराखण्ड के आन्दोलन कारी श्री मेहरा जी ने कहा कि शोध सँस्थान ने बहुत ही योग्य ब्यक्ति का चयन किया है। इस सम्मान के चयन होने पर जब श्री चमोला से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि पूरे देश के नामीचीन पाँच साहित्य कारोँ के साथ उत्तराखन्ड से मेरे नाम के चयन होने की सूचना की खबर मेरे लिए बहुत बड़े गौरव की बात है, इसके लिए मैँ सँस्थानके अकादमिक परिषद काआभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मेरा चयन इस तरह की उपाधि के लिए किया। इस उपलब्धि से मेरी और भी अधिक जिम्मेदारी बन जाती है। यह सम्मान भावी पीढी को उनके लक्ष्य तक ले जाने मेँ भी मेरी मदद करेगा।