उत्तराखण्ड
ऐतिहासिक किसान आंदोलन को इंकलाबी सलाम पेश करती है,ललित मटियाली
• किसानों के दृढ़, एकजुट, लगातार और शांतिपूर्ण संघर्ष से झुकी मोदी सरकार : जंगी
• विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की विस्तारित मीटिंग
भाकपा (माले) ऐतिहासिक किसान आंदोलन को इंकलाबी सलाम पेश करती है, जिसने एक साल तक दृढ़, एकजुट, लगातार और शांतिपूर्ण संघर्ष कर काले कृषि कानूनों को वापस कराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा खेती किसानी को कॉरपोरेट जगत के हवाले करने की सरकार की मंशा पर रोक लगाने का काम करेगी।” भाकपा (माले) की बिन्दुखत्ता कमेटी की बैठक में बोलते हुए माले के वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, “किसानों के संघर्ष ने भारत में संघर्ष के बल पर देश के लोकतंत्र की बहाली के आंदोलन का नेतृत्व किया है। किसान आंदोलन की इस जीत के दूरगामी परिणाम आयेंगे। इस आंदोलन में छह सौ पिचहत्तर से अधिक किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”
जंगी ने कहा कि, “कानूनों की वापसी के साथ साथ किसानों की लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए वैधानिक कानून सहित सभी जायज मांगों को पूरा किया जाय।
लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के मुख्य षड्यंत्रकर्ता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाय, सभी किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जायँ।”
बैठक में लालकुआं विधानसभा क्षेत्र की तैयारी के लिए बिंदुखत्ता में पार्टी ब्रांचों की बैठकें करते हुए 28 नवंबर को पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की विस्तारित मीटिंग करने का फैसला लिया गया।
बैठक को माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय, ललित मटियाली, पुष्कर सिंह दुबड़िया, विमला रौथाण, किशन बघरी, नैन सिंह कोरंगा, धीरज कुमार, आनंद सिंह दानू, कमल जोशी, शिव सिंह आदि ने भी संबोधित किया।