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• भाजपा-कांग्रेस की लूट-खसोट की राजनीतिक संस्कृति को बदलने की जरूरत : राजा बहुगुणा

• भाजपा-कांग्रेस की लूट-खसोट की राजनीतिक संस्कृति को बदलने की जरूरत : राजा बहुगुणा
• लालकुआं से जनता ने विधायक चुना तो उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा : बहादुर सिंह जंगी

भाकपा (माले) कार्यालय में प्रेस को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) राज्य सचिव काॅमरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि, “जब से उत्तराखण्ड राज्य बना है भाजपा-कांग्रेस ने बारी-बारी लूट-खसोट की संस्कृति को बढ़ावा दे उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के शहीदों व आम जन-समुदाय के समुदाय के सपने को ध्वस्त कर माफियाराज को संस्थाबद्ध कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद एनडी तिवारी द्वारा शुरू की गई लालबत्ती बांटो संस्कृति आज के भाजपाई डबल इंजन राज में उत्तराखण्ड को शराब-खनन माफिया की जागीर बनाकर भ्रष्ट राजनेताओं- नौकरशाहों की ऐशगाह में तब्दील हो गई है।”

उन्होंने कहा कि, “जब से राज्य बना है कांग्रेस-भाजपा की बारी-बारी सरकार तो बनती रही है लेकिन विधानसभा के अंदर एक जिम्मेदार व आम जन की आवाज उठाने वाले विपक्ष का सर्वथा अभाव रहा है।” उन्होंने कहा कि, “इसिलिए प्रदेश की तीन मुख्य वामपंथी पार्टियों भाकपा, माकपा व भाकपा(माले) ने चुनिंदा दस सीटों पर लाल झंडे के उम्मीदवार खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि लाल झंडे की विधानसभा के अंदर दस्तक हो ताकि राज्य की राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।”
राज्य सचिव ने कहा कि, “लालकुआं सीट से काॅमरेड बहादुर सिंह जंगी एक ऐसे उम्मीदवार है जिन्होंने पिछले पचास वर्षों में शोषित-उत्पीड़ित जन समुदाय के पक्ष में जन-संघर्षाें की एक लम्बी पारी खेली है। अब समय आ गया है कि कि इसके एवज में उन्हें विधायक चुन विधानसभा भेजा जाए। उन्होंने कहा कि लालकुआं सीट पर खड़े बाकी उम्मीदवार काॅमरेड जंगी के संघर्षशील जीवन के समक्ष बौने नजर आते हैं।”
कामरेड राजा ने कहा कि, “विपक्षी उम्मीदवार बिन्दुखत्ता के ऐतिहासिक सफल संघर्ष पर अपनी मुहर लगाने की झूठी व हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि बिन्दुखत्ता को बसाने, टिकाने व विकास के लिए भाकपा(माले) के नेतृत्व में गौरवशाली संघर्ष लड़ा गया है। जिसमें काॅमरेड बहादुर सिंह जंगी की नेतृत्वकारी भूमिका है।”
उन्होंने कहा कि, “बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाने के लिए वर्षों से उन्होंने जोरदार संघर्ष चलाते हुए सभी राजनीतिक दलों को यह मानने को बाध्य किया कि बिन्दुखत्ता राजस्व गांव बने लेकिन yu भाजपा-कांग्रेस ने केन्द्र व राज्य में उनकी सरकार होते हुए बिन्दुखत्ता की जनता के साथ धोखेबाजी के अलावा कुछ नहीं किया है। हद तो तब हो गई जब हरीश रावत सरकार ने बिन्दुखत्ता को नगरपालिका घोषित कर दिया। लेकिन लाल झंडे के नेतृत्व में चले संघर्ष ने तत्कालीन हरीश रावत सरकार को ऐतिहासिक संघर्ष के बल पर नगरपालिका वापस करने को बाध्य कर दिया था। इसी तरह प्रस्तावित हाथी काॅरीडोर के खिलाफ माले के संघर्ष ने हर हाल हाथी काॅरीडोर को स्थगित करने के लिए बाध्य कर रखा है।”
उन्होंने बताया कि, “भाबर-तराई में रह रहे खत्तावासियों व वनगुर्जरों को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने के लिए माले के नेतुत्व में जोरदार संघर्ष चलाया। जिसके एवज में उक्त जन समुदाय की लोकतांत्रिक मांगों को मनवाने में हम शामिल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि खत्तावासियों -वनवासियों को बेदखल करने हेतु मोदी सरकार का एक कानून संसद में विचाराधीन है। हमारा मानना है कि शासक वर्ग की पार्टियां खत्तावासियों, वनवासियों, बेरोजगारों, मजदूर व किसानों के साथ छल-प्रपंच की नीति पर चलती है। जिसका जवाब केवल जनसंघर्षाें द्वारा विधानसभा में दवाब बनाकर दिया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि प्रदेश में भाजपा राज की समाप्ति के साथ-साथ एक जिम्मेदार विपक्ष विधानसभा के अंदर होना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए उत्तराखण्ड विधानसभा 2022 के चुनाव में वामपंथी पार्टियों ने नारा दिया है -भाजपा हराओ, वाम विपक्ष का निर्माण करो।”

प्रेस वार्ता में मौजूद लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से भाकपा(माले) के प्रत्याशी काॅमरेड बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “भाकपा(माले) का विधायक विधानसभा में पहुंचने पर ही लालकुआं विधानसभा की लम्बे समय से चली आ रही समस्याओें का समाधान होना सम्भव है। क्योंकि भाजपा-कांग्रेस ने यहां की जनता को वोट बैंक से अधिक कुछ नही समझा है इसीलिए समस्याओं का अंबार खड़ा होता चला गया है। इसलिए बिन्दुखत्ता राजस्व गांव, लालकुआं में भूमि का मालिकाना, विधानसभा क्षेत्र में कच्ची जमीन पर बसे लोगों के मालिकाना का सवाल हो या आवारा पशुओं से निजात या सेंचुरी के प्रदूषण से मुक्ति, रोजगार , बिजली पोल, गोला तटबंध, अस्तपतालों का उच्चीकरण सहित अन्य महत्वपूर्ण समस्याओं से निजात पाने के लिए यहां की जनता एक बार भाकपा(माले) पर भरोसा करे। यदि मुझे यहां की जनता ने विधायक चुना तो मैं यकीन दिलाना चाहता हूं उन्हें निराश नही होना पड़ेगा।”

प्रेस वार्ता में राज्य सचिव राजा बहुगुणा, भाकपा(माले) उम्मीदवार बहादुर सिंह जंगी, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, जिला सचिव डाॅ. कैलाश पाण्डेय, बिन्दुखत्ता सचिव ललित मटियाली मौजूद रहे।

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