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उत्तराखण्ड

70 स्कूली बच्चे आज भी जान जोखिम उठा शिक्षा ग्रहण करने जाते है

हल्द्वानी के हैड़ाखान में गौला नदी के किनारे बसे पस्तोला और उड़वा गांव में अभी तक पुल नहीं बनाया गया है. अब यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में पहुंच गया है. आज मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. वहीं, मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.
हल्द्वानी के गुरविंदर सिंह चड्ढा मेमोरियल फाउंडेशन के सदस्य गगनदीप सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड राज्य को बने 21 साल पूरे हो गए है, लेकिन हैड़ाखान गौला नदी के पास स्थित दो गांव उड़वा और पस्तोला को पुल की सुविधा (pastola and udwa village bridge) अभी तक नहीं मिल पाई है. याचिका में कहा गया कि इन दोनों गावों का मुख्य बाजार हल्द्वानी है. बच्चों का स्कूल हैड़ाखान में है. ऐसे में बच्चों को रोजाना स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती है. बच्चे अपने साथ दो जोड़ी कपड़े भी लेकर जाते हैं
, याचिकाकर्ता गगनदीप सिंह का यह भी कहना है कि इस गांव की दूरी हल्द्वानी से 34 किलोमीटर है. बरसात के दौरान जब नदी उफान पर होती है तो लोगों को 80 किलोमीटर घूमकर आना पड़ता है. नदी पर पुल बनाने को लेकर कई बार सर्वे हो चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. पूर्व में यहां झूला पुल स्वीकृत हुआ था, जो अभी तक नहीं बन पाया है. ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


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