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उत्तराखण्ड

53 वाँ विजय दिवस जनपद में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

पिथौरागढ़ ,जिला मुख्यालय पर सोमवार को शहीद स्थल पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी के तत्वाधान में 53वाँ विजय दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया इस अवसर पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी मुख्य विकास अधिकारी डॉ दीपक सैनी, कर्नल करम सिंह बिष्ट सेवानिवृत्ति एवं लेफ्टिनेंट कर्नल पुनेठा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इसके उपरांत जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ दीपक सैनी, कर्नल करम सिंह बिष्ट एवं लेफ्टिनेंट कर्नल पुनेठा के अलावा जिला स्तरीय अधिकारियों, वीर सैनिकों के परिवारजनों एवं विभिन्न सैनिक संगठनों द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करते हुए शहीद सेनिको को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया।

जिलाधिकारी ने शहीदों को नमन करते हुए सभी को 53 वें विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस प्रकार से हम सभी उत्सवों को मानते हैं इसी प्रकार हमें 16 दिसंबर के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को आजादी दिलाने के लिए हमारे अनेक सैनिक शहीद हुए हैं और आज बांग्लादेश हमारे लिए समस्या बना हुआ है, इस लिए हमें अपने राष्ट्र के गौरव,स्वाभिमान, सम्मान के लिए निरंतर सजग रहने की जरूरत है।आज हम उन शहीदों के कारण सुरक्षित है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आज हम हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहे है इसलिए हमें अपने राष्ट्र के प्रति सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर पूर्व सैनिकों के सतत् विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है इसी क्रम में जनपद स्तर पर भी जिला प्रशासन प्रत्येक विद्यार्थी शहीद सैनिक परिवारों एवं पूर्व सैनिकों के घर-घर जाकर सैनिकों को सम्मानित किया जा रहा है साथ ही सैनिक गांव को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर शहीद स्वर्गीय हवलदार दानसिंह की धर्मपत्नी श्रीमती सरस्वती देवी, लांस नायक दीवानी नाथ की धर्मपत्नी श्रीमती शांति देवी,लांस नायक रतन राम की पत्नी श्रीमती लछिमा देवी, एवं शहीद सिपाही नारायण बिष्ट की पुत्री श्रीमती विमला चंद्र को जिलाधिकारी ने शॉल उड़ाकर सम्मानित किया। वहीं मुख्य विकास अधिकारी ने चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले अजय कुमार, ओम कुमार, शारदा जोशी, को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर सैनिक कल्याण अधिकारी अधिकारी सेवानिवृत्ति कर्नल करम सिंह बिष्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विजय दिवस के संबंध में संक्षिप्त परिचय दिया उन्होंने कहा कि सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्ध शुरू हुआ था और 13 दिनों तक चला। आधिकारिक तौर पर, युद्ध 16 दिसंबर को समाप्त हुआ और पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। तेरह दिनों तक चले युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना ने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। पाकिस्तान की सेना ने लगभग 93,000 सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह “अब तक की सबसे बड़ी जीत थी । सेना के इस अदम्य साहस और पराक्रम को देखते हुए हर वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में आज 16 दिसंबर 2024 को भारत अपना 53 वाँ विजय दिवस मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

विजय दिवस के अवसर पर विभिन्न स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग देश भक्ति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के पदाधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी एवं विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राएं मौजूद रहें।

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