उत्तराखण्ड
यूओयू में महिला अध्ययन केन्द्र का हुआ उदघाटन,,
महिलाओं के लिए शैक्षिक, कानूनी व स्वावलंबन से जुडे पाठ्यक्रम होंगे शुरु
ललिता कापड़ी की पुस्तक फ्रंटलाइन सपने और संघर्ष का हुआ विमोचन
21 वीं सदी महिलाओं की सदी है । अपने दम पर महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं अगर उन्हें समाज का परिवार का सहयोग मिलता है तो वह इस राष्ट्र के चहुमुंखी विकास में अपना योगदान दे सकती हैं। शिक्षण संस्थाओं को उन्हें फ्रंटलाइन में रखने की मनोवृत्ति रखनी होगी . उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओ.पी.एस. नेगी का. मौका था उत्तराखंड मुक्त विश्वविदयालय के महिला अध्ययन केन्द्र के उद्घाटन का । उन्होंने खास तौर पर घरेलू महिलाओं के योगदान को बहुत सराहा। इस मौके पर ललिता कापड़ी की पुस्तक महिलाएं संघर्ष का भी विमोचन हुआ। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व पुस्तक के प्रकाशक अविचल प्रकाशन के गजेन्द्र बटोही ने कहा कि इस पुस्तक का मूल्यांकन आने वाला समाज करेगा। मुक्त वक्ता के तौर पर सोशल वर्क में असिसटेंट प्रोफेसर डा. नीरजा सिंह ने कहा कि महिला अध्ययन केन्द्रों की शुरुआत भारत में 1986 से हो गयी थी लेकिन हम सब को अपने विश्वविद्यालयों में इन केन्द्रों को खोलने में लगभग 40 साल का वक्त लग गया लेकिन अच्छा है कि अब लोग लैंगिक असमानता के नजरिये से मुक्त होकर समाज को देख रहे हैं नयी पीढ़ी जेंडर स्टीरियोटाइप्स के टैबू को तोड़ रही है। महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशक प्रोफेसर रेनू प्रकाश ने कहा कि महिला अध्ययन केन्द्र महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। महिला अध्ययन केन्द्र महिलाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य , आर्थिक पहलुओं व अभिवय्किक के विकास के लिए कार्य करेगा। फ्रंटलाइन सपने और संघर्ष पुस्तक की लेखिका ललिता कापड़ी ने कहा कि इस पुस्तक में 51 महिलाओं के संघर्षों की कहानियां हैं, ये हमारी अन्य महिलाओं को एक रास्ता दिखाने का काम करेगी। महिला अध्ययन केन्द्र के सह संयोजक व पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. राकेश चन्द्र रयाल ने इसमें महिलाओं के मौलिक व संवैधानिक अधिकारों से जुडे पाठ्यक्रम होगें साथ ही विधिक अधिकारों को लेकर कैंप लगाए जाएंगे। इसके अलावा महिलाओं को उद्मिता से भी जोड़ा जाएगा जिसके अन्र्तगत होम स्टे, कम्युनिकेशन स्किल, मीडिया एवं वूमैन इंपावरमेंट व भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित कोर्सेस शुरु किये जाएंगे। सोशल मीडिया में महिलाओं को अभिव्य्कित कैसे मिले इस पर भी उन्होंने बात रखी। इस अधय्यन केन्द्र की घोषणा गत वर्ष कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी द्वारा की गयी थी.
इस मौके पर डा. मंजरी अग्रवाल, डा. डिगर सिंह फरस्वाण, गोपाल सिंह गौनिया, डा. शालिनी चौधरी, डा. नागेन्द्र गंगोला, नमिता वर्मा, डा.नीरज जोशी, डा. शशांक शुक्ला, वरिष्ठ साहित्य डा. दीपा गोबाड़ी, डा. शशि जोशी, प्रो. पी.डी पंत, लिटिल फ्लावर स्कूल की प्रबंधक शांति जीना, जय शारदा समूह की नीमा बिष्ट समेत दर्जनों महिलाएं उपस्थित रही। इस मौके पर समाज सेवी कनक चंद, पूनम शर्मा, रमा बिष्ट, गंगा जोशी, सुमन पांडे, सावित्री दुग्ताल,पार्वती किरौला, दीपा फुलेरा, कांता साह को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. रुचि तिवारी ,डा. गुंजन जोशी व अरुणा ने किया।