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उत्तराखण्ड

प्रशासन द्वारा आश्वासन देने के बाद भी युवाओं को गुमराह किया जा रहा है,,

हल्द्वानी। उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और अशोक लीलैंड कंपनी से प्राप्त डिप्लोमा की मान्यता, उसमें ट्रेड दर्शाए जाने और अशोक लेलैंड में स्थाई नौकरी को लेकर धरनारत युवाओं का अनिश्चितकालीन धरने को 48 दिन से अधिक समय बीत चुका है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा अभी तक इनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है।
बीते 11 फरवरी को छात्र-छात्राओं द्वारा अशोक लीलैंड कंपनी के आगे धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें उधम सिंह नगर के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा 10 दिनों में कंपनी के साथ छात्रों की वार्ता करवाने समाधान करवाने का भी आश्वासन दिया गया। परंतु महज खानापूर्ति के लिए 22 फरवरी को उन्हें बुलाकर एक बार फिर से जांच कराने की बात की गई। आरोप है कि उन्हें फिर से गुमराह किया जा रहा है। जिससे छात्रों में आक्रोश बढ़ने लगा है। युवाओं ने नैनीताल , उधम सिंह नगर के प्रशासन को जांच के लिए अपने शिकायती पत्र और डिप्लोमा दिए गए थे, लेकिन हर बार जांच का हवाला देकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। जिससे तंग आकर उन्होंने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि युवाओं द्वारा उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, स्मार्ट स्किल्स और अशोक लीलैंड पर एक दर्जन से अधिक फर्जीवाड़े के आरोप लगाए गए हैं, इन आरोपों में विश्वविद्यालय और कंपनी द्वारा गोपनीय तरीके से अनुबंध किया जाना, विश्वविद्यालय के सहायक संस्थान स्मार्ट स्किल द्वारा सेवायोजन कार्यालय के नाम पर रोजगार मेला का विज्ञापन निकालना, श्रम मंत्री को बुलाकर कोर्स लांच करवाया जाना, कोर्स के लिए कोई भी टेक्निकल प्रोफेसर नियुक्त नहीं करना, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा में कोई भी ट्रेड नहीं दर्शाए जाना, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं किया जाना। आदि अनेक आरोप लगाए जा रहे हैं। धरना दे रहे युवाओं में भुवन भट्ट, राकेश पांडे, भरत नेगी, प्रह्लाद सिंह, इंदर सिंह, गणेश तिवारी, दीपक गुप्ता, दीपक पनगढ़िया आदि शामिल हैं।

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