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उत्तराखण्ड

• मोदी सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर वर्ग व आम लोगों के सभी हितों को दरकिनार कर दिया है: राजीव डिमरी


हल्द्वानी

• मोदी सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर वर्ग व आम लोगों के सभी हितों को दरकिनार कर दिया है: राजीव डिमरी
• ऐक्टू का तीसरा उत्तराखंड राज्य सम्मेलन
• साम्प्रदायिक नफरत व बंटवारे की राजनीति के खिलाफ खड़े होने और अपने अधिकार, बराबरी व सम्मान बहाली के संघर्ष तेज करने का संकल्प
• श्रम कोड वापस लो, सभी कामगारों को वेतन पेंशन व सामाजिक सुरक्षा दो, आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित करने की, बैंक बीमा रेलवे का निजीकरण बन्द करने, महँगाई पर रोक लगाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने, उत्तराखंड में भर्ती घोटाले के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने वालों को जेल भेजने, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में हुए भर्ती घोटाले की जांच करने, अन्तर्जातीय विवाह करने पर अल्मोड़ा जिले के भिकियासेन में दलित युवक की बर्बर जातिवादी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्यवाही की मांग सम्मेलन में उठायी गयी.
• सम्मेलन जारी है और देर शाम तक चर्चा के उपरांत नयी राज्य काउंसिल, कार्यकारिणी और पदाधिकारियों का चुनाव किया जाएगा

ऐक्टू का तीसरा राज्य सम्मेलन हल्द्वानी के गणपति बैंकट हाल में शुरू हुआ।

‘ऐक्टू’ के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी व उत्तराखंड राज्य अध्यक्ष कामरेड निशान सिंह द्वारा झंडोत्तोलन के साथ ‘ऐक्टू’ के उत्तराखंड राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई.

‘ऐक्टू’ के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी ‘ऐक्टू’ के तीसरे उत्तराखंड राज्य सम्मेलन में उद्घाटन वक्तव्य देते हुए कहा कि, “भारत में अभी जो सरकार चल रही है उसने बड़े कॉरपोरट पूंजीपति वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर वर्ग व आम लोगों के सभी हितों को दरकिनार कर दिया है। देश की जनता रोजगार नष्ट होने और बेतहाशा महँगाई बढ़ने से बुरी तरह त्रस्त हैं. लेकिन मोदी सरकार जनता को राहत प्रदान करने के स्थान पर सामाजिक विद्वेष की नीतियों को सचेत तरीके से बढ़ा रही है. इस सरकार ने संविधान में प्रदत्त अधिकारों को ताक पर रखकर संविधान और लोकतंत्र को ही खतरे में डाल दिया है। लोकतंत्र के इस संकटपूर्ण मोड़ पर सारा दारोमदार आम तौर पर ‘हम, भारत के लोग’ और खास तौर मजदूर वर्ग के कंधों पर आ रहा है, जिन लोगों ने संविधान को अपनाकर भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाने का, और तमाम विपरीत परिस्थितियों में उसे बुलंद
रखने का संकल्प लिया है. सरकार से यह साफ-साफ
जोरदार ढंग से कहने का वक्त आ गया है कि या तो वह
कीमतों पर लगाम लगाये और रोजगार दे या फिर गद्दी
छोड़ दे. हमारे वर्तमान पर आघात पहुंचाने के लिए
मनगढ़ंत अतीत को पेश करने की साजिश को दृढ़तापूर्वक नहीं कहना वक़्त की मांग है।”
उन्होंने कहा कि, “भारत में मोदी सरकार ने न केवल मजदूरों को बदहाली की ओर धकेल दिया है और लोगों के सभी हितों से हठपूर्वक इन्कार कर रही है, बल्कि वह जनता पर विभाजनकारी व विध्वंसकारी एजेंडा थोपकर उन्हें और भी ज्यादा चोट पहुंचाने और उनका अपमान करने में मशगूल है. जहां अर्थतंत्र तेजी से तबाह हो रहा है और खाद्य पदार्थों, ईंधन व अन्य बुनियादी जरूरतों की कीमतें सर से ऊपर जा रही हैं वहीं सरकार साम्प्रदायिक विभाजन को तेज करने जुटी हुई है.”

भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि, “भाइचारे की विरासत पर आधारित देश की बुनियादी संरचना पर सीधा हमला किया जा रहा है। इसके खिलाफ मजदूर वर्ग को भगतसिंह- अंबेडकर के विचारों पर आधारित एकता बनाते हुए विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ खड़ा होना बेहद जरूरी है।”

बैंक और बीमा यूनियनों के पदाधिकारियों ने कहा कि, “मोदी सरकार बीमा बैंक जैसे सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण करके देश की संपत्ति को अपने चहेते पूंजीपतियों को सौंप देना चाहती है। इसके खिलाफ सभी मजदूर संगठनों की एकता वक़्त की मांग है।”

राज्य सम्मेलन ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ और प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने सम्मेलन का संचालन किया.

उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष मंडल में
बीमा कर्मचारी संघ के जोनल अध्यक्ष मनोज गुप्ता, यू एफ बी यू के अध्यक्ष योगेश पंत, एसबीआई स्टाफ फेडरेशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश नियोलिया, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष रीता कश्यप, आशा यूनियन की चंपावत जिला अध्यक्ष सरस्वती पुनेठा, ऐक्टू राज्य सम्मेलन के केंद्रीय पर्यवेक्षक कामरेड अभिषेक, सिडकुल संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, जायडस वेलनेस यूनियन के अध्यक्ष विकास सती, ऐक्टू के नैनीताल जिला अध्यक्ष जोगेंद्र लाल, विद्युत संविदा कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष मनोज पंत शामिल रहे.

श्रम कोड वापस लो, सभी कामगारों को वेतन पेंशन व सामाजिक सुरक्षा दो, आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित करने की, बैंक बीमा रेलवे का निजीकरण बन्द करने, महँगाई पर रोक लगाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने, उत्तराखंड में भर्ती घोटाले के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने वालों को जेल भेजने, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में हुए भर्ती घोटाले की जांच करने, अन्तर्जातीय विवाह करने पर अल्मोड़ा जिले के भिकियासेन में दलित युवक की बर्बर जातिवादी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्यवाही की मांग सम्मेलन में उठायी गयी.
साथ ही इस अवसर पर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए खुद को साम्प्रदायिक नफरत व बंटवारे के राजनीति व
बुलडोजर के खिलाफ खड़े होने और अपने अधिकार बहाली के संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया।

सम्मेलन में संसेरा श्रमिक संगठन, बीएसएनएल ठेका श्रमिक यूनियन, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, बीमा कर्मचारी संघ, जायडस वेलनेस यूनियन, एन एच पी सी ठेका श्रमिक यूनियन, आर एम एल मजदूर यूनियन, निर्माण मजदूर यूनियन, बड़वे इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन, पंजाब बेवल ग्रियर्स लि. वर्कर्स यूनियन, सरकारी अस्पताल दायी यूनियन, पी डी पी एल यूनियन, कंटोनमेंट बोर्ड कर्मचारी संगठन आदि यूनियनों व संगठनों से जुड़े जोगेंद्र लाल, दिनेश तिवारी, रीता कश्यप, सरस्वती पुनेठा, दीपक कांडपाल, उदय धामी, विनोद कुमार, चन्दन सिंह महरा, नरेंद्र सिंह बानी, बबीता देवी, एन पी जोशी, डॉ कैलाश पांडेय, किशन बघरी, लललेश प्रसाद, धन सिंह, सुधा शर्मा, पद्मा प्रथोली, मोहन सिंह, लीला ठाकुर, रिंकी जोशी, प्रेमा बृजवासी, सायमा सिद्दीकी, माया नेगी, मंजू जोशी, संजू बाला, नगमा, सुनील ठाकुर, जयपाल सिंह, दीपा सुयाल, प्रीति आर्य, सबीना, तुलसी, गीता नेगी, ज्योति, अन्नू, जीवंती देवी, जीवन राम, चंदन मेवाड़ी, सुनील, पंकज दुर्गापाल, नवीन कांडपाल, यू डी मिश्रा, तारा दत्त, निर्मला, बसंत बल्लभ, रईसा, सिमरन कौर, भुवन, लीला बोरा, माया टण्डन, सुनीता आर्य, कमलेश कुमार, ललित मटियाली, बची सिंह बिष्ट, वीरभद्र सिंह भंडारी, भैरव दत्त रूवाली, धीरज कुमार, कमल जोशी, मनोज आर्य, प्रमोद कुमार, गोपाल गडिया, प्रभुनाथ कुमार, धन सिंह, ललित जोशी, मृत्युंजय शर्मा, प्रकाश सिंह, अरविंद कुमार वर्मा, शैलेन्द्र सिंह, जयपाल सिंह, रितेश प्रजापति, वीरेंद्र भारद्वाज, शिव सिंह, सुनील ठाकुर, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, कांता प्रसाद, हरीश सिंह आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

सम्मेलन का दूसरा सत्र प्रतिनिधि सत्र है जो कि चल रहा है. इस सत्र में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि साथी चर्चा में शामिल हैं. इसके पश्चात
राज्य सम्मेलन में राज्य काउंसिल, राज्य कार्यकारिणी व पदाधिकारियों का चुनाव किया जाना है. चुने जाने के बाद राज्य काउंसिल राज्य कार्यकारिणी को चुनेगी. जो नए प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, उपसचिव आदि पदाधिकारियों का चुनाव करेगी। सम्मेलन देर रात तक जारी रहेगा.


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