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सीमान्त इंजीनियरिंग कालेज पिथौरागढ़ के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों द्वारा बनाया गया रिन्यूएबल एनर्जी संयंत्र

सीमान्त इंजीनियरिंग कालेज पिथौरागढ़ के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों द्वारा बनाया गया रिन्यूएबल एनर्जी संयंत्र

नन्ही परी सीमान्त इंजीनियरिंग कालेज, पिथौरागढ़ के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों द्वारा प्राकृतिक ऊर्जा के स्त्रोतों जैसे वायु पानी, सौर ऊर्जा एवं बायोगैस के एकीकरण करने के उपरान्त रिन्यूएबल एनर्जी ग्रिड का एक कार्यरत चालित मॉडल का निर्माण किया गया है। इसके उपयोग से रोजमर्रा में प्रयुक्त होने वाले कोयले, न्यूक्लियर आदि संसाधनों पर निर्भरता कम होगी। जिससे प्रतिदिन बनने वाली बिजली पर निर्भरता कम होगी। इस सयंत्र में प्राकृतिक रूप से प्रयुक्त होने वाली हवा, पानी, सौर ऊर्जा एवं बायोगैस का संयुक्त रूप से उपयोग करके प्रतिदिन बिजली का उपयुक्त उत्पादन किया जा सकता है। जिलाधिकारी डॉ० आशीष चौहान जी द्वारा इस मॉडल का निरीक्षण किया गया है एवं इस मॉडल को पहाड़ों के लिए उपयोगी बताया गया है। संस्थान के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अखिलेश सिंह जी के कुशल नेतृत्व में इस मॉडल का कार्य सम्पन्न हुआ है। छात्रों में अभिषेक त्रिवेन्द्र, नेहा, अनिल, चन्द्रशेखर, दीपक, चिराग एवं अन्य छात्रों का इस मॉडल को बनाने में सहयोग रहा। विभागाध्यक्ष श्री अखिलेश सिंह जी के द्वारा यह बताया गया कि यह एकीकरण राज्य के संस्थानों में प्रथम बार किया गया है। जिलाधिकारी महोदय के अथक प्रयासों से संस्थान उन्नति के मार्ग पर लगातार अग्रसर है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा इस सराहनीय कार्य के लिए छात्रों एवं अध्यापकों को बधाई संदेश दिया गया है।

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